कैप्टन मंत्रिमंडल में दिखेंगे नए चेहरे

Edited By Updated: 12 Mar, 2017 12:02 PM

captains will appear in new cabinets

पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भारी बहुमत हासिल होने के बाद अब मंत्रिमंडल के गठन की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले विधायकों को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व के साथ...

जालंधर(धवन): पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भारी बहुमत हासिल होने के बाद अब मंत्रिमंडल के गठन की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले विधायकों को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा करने वाले हैं। अभी यह देखना बाकी है कि मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नेताओं को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व व कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा क्या फार्मूला तैयार किया जाता है। मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता चुनाव में पराजित हो गए हैं इसलिए कैप्टन मंत्रिमंडल में इस बार नए चेहरे देखने को मिलेंगे। 

2002 में जब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी थी तो उस समय कैबिनेट मंत्रियों के रूप में राजिन्द्र कौर भट्ठल, लाल सिंह, चौधरी जगजीत सिंह, चौधरी संतोख सिंह, खुशहाल बहल, रमेश चंद्र डोगरा, सरदूल सिंह, तेजप्रकाश सिंह, गुरचेत सिंह भुल्लर, प्रताप सिंह बाजवा तथा जगमोहन सिंह कंग को शामिल किया गया था। 2002 के कैबिनेट मंत्रियों की सूची पर अगर दृष्टि डाली जाए तो उनमें से इस बार कोई भी पुराना सदस्य कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं हो पाएगा। राजिन्द्र कौर भट्ठल पराजित हो गई हैं जबकि लाल सिंह ने चुनाव नहीं लड़ा था। चौधरी जगजीत सिंह, खुशहाल बहल, रमेश चंद्र डोगरा का देहांत हो चुका है। चौधरी 
संतोख सिंह सांसद बन चुके हैं। सरदूल सिंह,तेजप्रकाश सिंह, गुरचेत सिंह, प्रताप सिंह बाजवा ने चुनाव नहीं लड़ा जबकि जगमोहन सिंह कंग भी चुनाव में पराजित हो गए। इसी तरह से मंत्री बनने की दौड़ में केवल सिंह ढिल्लों तथा सुनील जाखड़ का नाम भी सबसे आगे चल रहा था परन्तु इस बार दोनों वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके। 

मंत्री बनने की दौड़ में शामिल वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में निम्रलिखित के नाम शामिल हैं :

नवजोत सिंह सिद्धू 
राज्य विधानसभा चुनावों के समय भाजपा के पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस में शामिल किया गया था। अभी यह पता नहीं कि सिद्धू को पार्टी में लाते समय क्या शर्तें तय हुई थीं परन्तु कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा था कि सिद्धू बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुए हैं लेकिन वरिष्ठ नेता होने के कारण उनका कैबिनेट मंत्री बनना यकीनी है। वह अमृतसर पूर्वी सीट से विधायक बने हैं। इससे पहले इस सीट का प्रतिनिधित्व उनकी पत्नी नवजोत कौर करती थीं। 

मनप्रीत सिंह बादल 
मनप्रीत सिंह बादल ने आम चुनावों से लगभग 6 महीने पहले अपनी पीपुल्स पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया था। मनप्रीत भटिंडा शहरी सीट से विजयी हुए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के नाते उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना तय है। कैप्टन ने तो चुनाव के दौरान मनप्रीत को वित्त विभाग देने का भी ऐलान किया था। 

ओ.पी. सोनी 
अमृतसर केन्द्रीय सीट से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हिन्दू कांग्रेसी नेता ओ.पी. सोनी भी मंत्रिमंडल में अपना स्थान बना लेंगे। सोनी एक तो हिन्दू समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा दूसरा वह लगातार चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। सोनी अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं परन्तु वह नवजोत सिद्धू से पराजित हुए थे। 

चरणजीत चन्नी 
दलित समुदाय की तरफ से पंजाब कांग्रेस विधायक दल के मौजूदा नेता चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के आसार हैं। चन्नी एक बार आजाद विधायक रह चुके हैं जबकि दूसरी बार वह कांग्रेस टिकट पर चुने गए थे तथा अब लगातार तीसरी बार वह विधायक निर्वाचित हुए हैं।

साधु सिंह धर्मसोत 
साधु सिंह धर्मसोत भी लगातार विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं। कांग्रेस की लहर रही हो या न परन्तु धर्मसोत विधायक बनने में कामयाब होते रहे। कैप्टन सरकार में भी 2002 से 2007 में वह सरकार में शामिल रहे। 

राणा गुरमीत सिंह सोढी 
गुरुहरसहाय हलके से निर्वाचित हुए राणा गुरमीत सिंह सोढी भी तीसरी बार विधायक बने हैं। इससे पहले वह कैप्टन सरकार के समय मुख्य संसदीय सचिव के पद पर रह चुके हैं।

बलबीर सिद्धू 
मोहाली से निर्वाचित हुए कांग्रेस विधायक बलबीर सिद्धू को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। वह भी तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। 
सुरिन्द्र डावर 
लुधियाना से ही हिन्दू कांग्रेसी नेता सुरिन्द्र डावर को भी कांग्रेस मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की संभावना जताई जा रही है। कैप्टन सरकार के समय पहले वह मुख्य संसदीय सचिव के पद पर रह चुके हैं। अब वह लगातार तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। 

राणा के.पी. सिंह 
कांग्रेस के हिन्दू नेता राणा के.पी. सिंह भी तीसरी बार विधायक बने हैं इसलिए वरिष्ठता की दृष्टि से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इस समय वह पंजाब कांग्रेस में उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त हैं। 

रणदीप नाभा 
रणदीप नाभा भी कांग्रेस टिकट पर तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। वह पटियाला जिले से संबंध रखते हैं। 

ब्रह्म महिन्द्रा
पटियाला देहाती सीट से विजयी हुए ब्रह्म महिन्द्रा हिन्दू कांग्रेसी नेता हैं जो लगातार छठी बार विधायक चुने गए हैं। वरिष्ठ विधायकों में महिन्द्रा की गिनती होती है इसलिए उनका भी मंत्रिमंडल में स्थान आना लगभग तय माना जा रहा है। कैप्टन के साथ उनके रिश्ते भी अब अच्छे हैं। वह बेअंत सिंह सरकार के समय इंडस्ट्री मिनिस्टर थे जबकि 2002 से 2007 के बीच कैप्टन सरकार के समय वह बोर्ड चेयरमैन पद पर रहे।

विजयइंद्र सिंगला
कांग्रेस के सांसद रह चुके विजयइंद्र सिंगला इस बार संगरूर सीट से निर्वाचित हुए हैं। बनिया हिन्दू समुदाय से संबंध रखने के कारण उनके नाम पर विचार किया जा सकता है। सिंगला कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के भी निकट माने जाते हैं। 

सुखजिन्द्र सिंह रंधावा
डेरा बाबा नानक विधानसभा हलके से विजयी हुए सुखजिन्द्र सिंह रंधावा को भी मंत्री पद मिल सकता है। वह लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। उनके पिता स्व. संतोख सिंह रंधावा पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। रंधावा भी कैप्टन के निकटवर्ती नेताओं में से एक माने जाते हैं। 

राकेश पांडे 
लुधियाना से राकेश पांडे लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस बार वह छठी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। हिन्दू नेता होने के नाते भी उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है। वह पहले भी कांग्रेस सरकार के समय मंत्री रह चुके हैं। उनके पिता भी शहीद जोगिन्द्र पाल पांडे कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 

राणा गुरजीत सिंह
कपूरथला से निर्वाचित हुए राणा गुरजीत सिंह लगातार विधायक निर्वाचित होते आ रहे हैं। वह जालंधर संसदीय सीट से सांसद भी रह चुके हैं। इस समय वह कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के निकट भी माने जाते हैं। वह लगातार कैप्टन कैम्प में ही रहे तथा वरिष्ठता की दृष्टि से भी मंत्री पद मिलना यकीनी है।

डा. राजकुमार वेरका

कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता डा. राजकुमार वेरका को भी मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। वह भी तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। डा. वेरका भी शुरू से कैप्टन कैम्प में ही बने रहे। वह अमृतसर पश्चिम सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं। 

रजिया सुल्ताना
कैप्टन सरकार के समय पहले भी रजिया सुल्ताना को मुख्य संसदीय सचिव बनाया गया था। वह मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ महिलाओं का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। कांग्रेस सरकार में मुस्लिम समुदाय को प्रतिनिधित्व दिया जाता रहा है। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!