Edited By Updated: 17 Dec, 2016 08:22 AM
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कै. अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी ने गांवों में किसानों का संकट बढ़ा
जालंधर(धवन): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कै. अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी ने गांवों में किसानों का संकट बढ़ा दिया है। वह आज राहुल गांधी के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने गए थे। कै. अमरेन्द्र सिंह ने पंजाब में किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के प्रति प्रधानमंत्री का ध्यान दिलाते हुए कहा कि किसानों के हितों की रक्षा करने में बादल सरकार असफल रही है। उन्होंने कहा कि कृषि मुद्दों जैसे एम.एस.पी. के मामले में भी
किसानों को मुश्किलें आ रही हैं। एफ.सी.आई.भी किसानों को सहयोग नहीं दे रही है। कैप्टन ने कहा कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री का किसानों के कर्जे व अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए सहयोग मांगा है। प्रधानमंत्री ने इस पर गौर करने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पंजाब के किसानों का मामला उठाया तो उत्तर प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं ने अपने राज्य के किसानों की मुश्किलें उठाईं। उन्होंने कहा कि किसान पूरी तरह से सहकारी बैंकों पर निर्भर हैं। राज्य के 12700 में से 7000 गांवों में या तो बैंक शाखाएं नहीं हैं या फिर ए.टी.एम्का नहीं लगे हैं। किसान अपना जीवन यापन करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा नोटबंदी के बाद परिस्थितियां 2-3 सप्ताह में ठीक होने के किए दावे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सवा महीने बाद भी परिस्थितियां ठीक नहीं हुई हैं और ऐसा लगता है कि नोटबंदी के कारण कठिन दौर एक वर्ष तक लम्बा ङ्क्षखच सकता है। कैप्टन ने कहा कि राज्य में किसानों की मुश्किलों का पता इस बात से लगता है कि 33 लाख किसानों ने कांग्रेस के ‘कर्जा कुर्की खत्म फसल की दी पूरी रकम’ नामक अभियान में ऋण माफी के फार्म भरे हैं। मोदी सरकार ने अगर किसानों के कर्जे माफ नहीं किए तो कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के बाद किसानों के कर्जे माफ करेगी। उन्होंने कहा कि आढ़तियों के हितों की पूरी रक्षा की जाएगी। उन्होंने बादल सरकार पर बरसते हुए कहा कि वह तो किसानों को फसलों के पूरे दाम भी नहीं दिला सकी। इसी तरह से सीमावर्ती क्षेत्रों में युद्ध फोबिया के कारण उजडऩे वाले किसानों को भी मुआवजा नहीं दिया गया। एस.वाई.एल. के मामले में भी बादल सरकार ने पंजाब के खिलाफ स्टैंड लिया।बादलों ने वास्तव में पंजाब के पानी के हित हरियाणा को बेच दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तेल सबसिडी के कारण भारी धनराशि बचाई है, इसलिए किसानों के कर्जे माफ करने में उसे मुश्किल नहीं आनी चाहिए। केंद्र सरकार अगर उद्यमियों का 110,000 करोड़ रुपए माफ कर सकती है तो फिर किसानों को आत्महत्याओं के लिए विवश क्यों किया जा रहा है?