सिद्धू की छवि खराब करने में जुटी कैप्टन लॉबी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jan, 2018 10:40 AM

captain lobby accusing sidhu  s image

चीफ प्रिंसीपल सैक्रेटरी सुरेश कुमार व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के मामले में झटका खाने के बाद कैप्टन लॉबी ने अब अपनी तोपों का मुंह फायर ब्रांड नेता नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ मोड़ दिया है।

जालंधर  (रविंदर शर्मा): चीफ प्रिंसीपल सैक्रेटरी सुरेश कुमार व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के मामले में झटका खाने के बाद कैप्टन लॉबी ने अब अपनी तोपों का मुंह फायर ब्रांड नेता नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ मोड़ दिया है। कैप्टन लॉबी बेहद तेजी के साथ इस काम में जुट गई है कि किस तरह से सिद्धू को अंदरूनी राजनीति में उलझा कर उनकी छवि को धक्का लगाया जाए। हालांकि यह पार्टी के लिए आने वाले समय में एक घातक स्टैप साबित हो सकता है। 

 

गौर हो कि भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में आए नवजोत सिंह सिद्धू ने विधानसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से ताबड़तोड़ रैलियां व प्रचार कर जनता के बीच पैठ बनाई थी और कांग्रेसी वर्करों को अपना मुरीद बना लिया था, यह कैप्टन लॉबी को हजम नहीं हो रहा था। शुरू से ही कैप्टन अमरेंद्र सिंह सिद्धू को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं थे। उन्हें पता था कि अगर इसी रफ्तार से सिद्धू की लोकप्रियता पार्टी के भीतर बढ़ती गई तो आने वाले समय में उनकी कुर्सी भी डगमगा सकती है। 

 

इसी का नतीजा था कि पहले सिद्धू को डिप्टी सी.एम. बनाने से मना कर दिया गया। इसके बाद सिद्धू को सैकेंड टू सी.एम. का दर्जा नहीं दिया गया। बाद में सिद्धू के शहरी विकास को स्थानीय निकाय मंत्रालय के साथ जोडऩे की अपील को भी खारिज कर दिया गया। यही नहीं केबल नैटवर्क माफिया के खिलाफ जब सिद्धू ने शिकंजा कसना चाहा तो बेहद गुपचुप ढंग से कैप्टन लॉबी ने ऐसी चाल चली कि सिद्धू की एक न चली। जब माझा लॉबी के साथ मिलकर सिद्धू ने अकाली दल के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत मजीठिया के खिलाफ मोर्चा खोलना चाहा तो भी उनकी एक न चलने दी गई और पूरे मामले में सिद्धू को चुप करा दिया गया। 


यहीं पर कैप्टन लॉबी की चालें खत्म नहीं हुईं। इसके बाद कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने खुद कमान संभालते हुए नगर निगम चुनावों के लिए प्रत्याशियों के नाम घोषणा में भी सिद्धू की एक न चलने दी। जब निगम चुनावों में पार्टी को बड़ी जीत मिली तो मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के नामों के लिए भी सिद्धू से कोई चर्चा नहीं की गई। हैरानी तो तब हुई जब उनके ही मंत्रालय में मेयर के नाम को लेकर हुई मीटिंगों में सिद्धू को बुलाया तक नहीं गया। इसके बाद जब सिद्धू ने पूरे एपीसोड से नाराज होकर अपना गुस्सा दिखाया तो सिद्धू को फिर राजनीतिक चाल से कैप्टन लॉबी ने बैकफुट पर धकेलने का प्रयास किया। 

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