Edited By Updated: 20 Apr, 2017 04:56 PM
केंद्र के साथ पंजाब की अमरेन्द्र सरकार अनावश्यक टकराव के रास्ते पर नहीं चलेगी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने इस संबंध में यह निर्णय लिया है कि राज्य की जनता ने विकास के नाम पर कांग्रेस को फतवा दिया है जिसे देखते हुए कांग्रेस सरकार की कोशिश...
जालन्धर(धवन): केंद्र के साथ पंजाब की अमरेन्द्र सरकार अनावश्यक टकराव के रास्ते पर नहीं चलेगी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने इस संबंध में यह निर्णय लिया है कि राज्य की जनता ने विकास के नाम पर कांग्रेस को फतवा दिया है जिसे देखते हुए कांग्रेस सरकार की कोशिश रहेगी कि वह केंद्र से अधिक से अधिक फंड पंजाब के लिए ला सके। पंजाब पहले ही आर्थिक संकट में फंसा हुआ है। ऐसी स्थिति में पंजाब को केंद्र की राजग सरकार से भी आर्थिक फंडों की जरूरत समय-समय पर पड़ती रहेगी।
मुख्यमंत्री के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह चाहते हैं कि राज्य सरकार जहां अपने स्तर पर नए आर्थिक संसाधनों को पैदा करे। वहीं दूसरी तरफ पंजाब के मंत्रियों को दिल्ली जाकर केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से बैठकें करके अधिक से अधिक फंड पंजाब के लिए लाने की कोशिशें करनी चाहिए। अमरेन्द्र सरकार द्वारा राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर जल्द ही श्वेत पत्र भी तैयार करवाया जा रहा है। श्वेत पत्र के माध्यम से जनता को बताया जाएगा कि राज्य पर पिछले 10 वर्षों के दौरान किस तरह कर्जे बढ़ते हुए 1.84 लाख करोड़ तक पहुंच गए हैं। चाहे इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देशों पर सरकारी खर्चों में कटौती की मुहिम शुरू कर दी गई है परन्तु इससे ही पंजाब का विकास संभव नहीं है।