Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Feb, 2018 10:02 AM
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने पंजाब की कैप्टन सरकार को कमीशनों की सरकार करार देते हुए इसके द्वारा सरकारी खर्चों में कमी किए जाने के दावों व प्रयासों पर कई सवाल उठाए हैं।
चंडीगढ़ (शर्मा): पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने पंजाब की कैप्टन सरकार को कमीशनों की सरकार करार देते हुए इसके द्वारा सरकारी खर्चों में कमी किए जाने के दावों व प्रयासों पर कई सवाल उठाए हैं। पंजाब सरकार द्वारा रैवेन्यू कमीशन के गठन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खैहरा न इसे औचित्यहीन करार दिया। उन्होंने कहा कि विभाग में भारी-भरकम उच्चाधिकारियों की फौज दशकों से जो कार्य नहीं कर सकी व 6 सदस्यीय कमीशन एक साल में कैसे कर देगा। यदि सरकार को यह विश्वास है कि यह कमीशन एक साल में सूरतेहाल बदल देगा तो फिर सरकार को रैवेन्यू विभाग को ही बंद कर देना चाहिए। कैप्टन सरकार एक ओर तो विधायकों द्वारा अपना आयकर स्वयं भरने, बड़े किसानों द्वारा बिजली की सबसिड़ी छोड़ने जैसे छोटे-मोटे सुझाव देकर सरकारी खर्चों में कमी करने के प्रयास का ढोंग रच रही है दूसरी ओर एक के बाद दूसरे कमीशन का गठन कर कैप्टन सरकारी कोष पर भार बढ़ा रहे हैं।
खैहरा ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पिछले वर्ष पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित पंजाब गवर्नैंस रिफाम्र्स एंड एथिक्स कमीशन की कारगुजारी के संबंध में अभी तक नहीं सुना है, क्या कमीशनों का गठन सिर्फ अपने नजदीकियों को एडजस्ट करने के लिए ही किया जा रहा है? जब पंजाब सरकार अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान न कर पा रही हो, इसके पास समाज कल्याण कार्यों के लिए धन न हो, किसान आत्महत्याएं करने के लिए मजबूर हों और सरकार किसानों का कर्ज माफ करने में विफल हो रही तो सरकारी खजाने पर और अधिक बोझ डालने के लिए कमीशनों का गठन सही कदम नहीं हो सकता।