Edited By Updated: 29 Mar, 2017 01:07 PM
कैप्टन अमरेंद्रर सिंह की सरकार दस दिन पहले ऐलानी आबकारी नीति के जरिए शराब के ठेकेदारों को लुभाने में असफल रही है। राज्य के 7 जिलों ने ठेके लेने में खास रूचि नहीं दिखाई। कर और आबकारी विभाग को 2017 -18 के लिए शराब के ठेके लेने के लिए भटिंडा,...
चंडीगढ़ः कैप्टन अमरेंद्रर सिंह की सरकार दस दिन पहले ऐलानी आबकारी नीति के जरिए शराब के ठेकेदारों को लुभाने में असफल रही है। राज्य के 7 जिलों ने ठेके लेने में खास रूचि नहीं दिखाई। कर और आबकारी विभाग को 2017 -18 के लिए शराब के ठेके लेने के लिए भटिंडा, फरीदकोट, मोगा, संगरूर, लुधियाना, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब से अर्जियां मिलीं हैं।
ठेकेदारों की चुप्पी ने सरकार के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। इससे सरकारी खजाने को काफी नुकसान पहुंचने का आंदेशा है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार 15 से 20 प्रतिशत ही आवेदन पहुंचे हैं। ठेकों के लिए आवेदन देने की आखिरी तारीख 27 मार्च थी। इस दौरान भटिंडा जिले के ठेकों के लिए कोई आवेदन नहीं आया। नई आबकारी नीति मुताबिक अगर कोई दर्खास्त नहीं आती तो फिर से आवेदन मांगे जा सकते हैं। इस संबंधी कर और आबकारी कमिश्नर विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि ठेकेदारों से फिर से आवेदन मांगे जाएंगे। अगर फिर भी आवेदन नहीं आते तो लाइसेंस फीस में 5 प्रतिशत छूट दी जा सकती है। इसके बाद उनके पास खुद ठेके चलाने का विकल्प भी है।