Edited By Updated: 25 May, 2017 11:00 AM
पंजाब की कैप्टन सरकार ने आटा-दाल योजना को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए नियमों में बहुत से ऐसे बदलाव किए हैं, जिससे भविष्य में जहां
लुधियाना (खुराना): पंजाब की कैप्टन सरकार ने आटा-दाल योजना को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए नियमों में बहुत से ऐसे बदलाव किए हैं, जिससे भविष्य में जहां सरकारी गेहूं की कालाबाजारी होने की संभावनाएं लगभग समाप्त हो सकेंगी, वहीं योजना से जुड़े उन जरूरतमंद व गरीब परिवारों को उनके अधिकार बिना किसी परेशानी के आसानी से मिल सकेंगे, जोकि पहले डिपो मालिकों की मनमानियों का शिकार होकर अपने हिस्से की गेहूं से हाथ धोने को विवश दिखाई देते थे। सरकार द्वारा योजना में किए गए अहम बदलाव के तहत अब ग्रामीण इलाकों में आटा-दाल योजना के वितरण से पहले डिपो होल्डर द्वारा गांव के गुरुद्वारा साहिब के भाई साहब द्वारा मुनादी करवानी अनिवार्य होगी कि डिपो मालिक द्वारा समयावधि तक योजना का लाभ लाभपात्र परिवारों तक पहुंचाया जाएगा।
बंद होगी डिपो मालिकों की ठगी की दुकान
जारी किए गए आदेशों में साफ किया गया है कि डिपो मालिकों द्वारा लाभपात्र परिवारों को गेहूं से भरी हुई बोरी पर एक्स्ट्रा चार्जिस लगाए जाते हैं, जबकि इससे पहले अधिकतर डिपो होल्डर लोगों से बोरियों के अलग से रुपए वसूलते रहे हैं। ऐसी कई शिकायतें समय-समय पर सामने आती रहती हैं, जिनमें कई डिपो होल्डर तो लोगों को डिपुओं से गेहूं वितरण के समय यहां तक मजबूर करते हैं कि वे गेहूं लेने के लिए खाली बोरी घर से ही लेकर आएं।
शनिवार व रविवार को भी वितरित की जाए गेहूं
नियमों में जिक्र किया गया है कि गेहूं की बांट के कार्य को जल्द से जल्द निपटाने के लिए हालातों को ध्यान में रखते हुए अगर जरूरत महसूस हो तो शनिवार व रविवार को भी गेहूं वितरण का कार्य किया जाए। ऐसे में एक सबसे अहम बात का जो जिक्र किया गया है, वह यह है कि जिन कार्डधारकों के अभी तक आधार कार्ड नहीं बने हैं, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। गेहूं वितरण का सारा ब्यौरा समय-समय पर विभागीय अधिकारी हैड ऑफिस को भेजेंगे, ताकि सरकार योजना पर सीधे नजर रख सके।