Edited By Updated: 24 May, 2017 09:21 AM
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर और महासचिव सचिव भाई अमरजीत सिंह चावला ने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की ओर
अमृतसर (ममता): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर और महासचिव सचिव भाई अमरजीत सिंह चावला ने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की ओर से पिछले दिनों किए उस खुलासे का गंभीर नोटिस लिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के समय उन्होंने पुलिस के सामने 21 सिखों को पेश करवाया था। इनको बाद में मार दिया गया।
शिरोमणि कमेटी के दोनों नेताओं ने कहा कि क्योंकि मामला मानवीय अधिकारों के हनन और सिख युवाओं को झूठे मुकाबलों में मारने का है, इसलिए इस की गहराई के साथ जांच होनी चाहिए। शिरोमणि कमेटी प्रधान प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर ने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अपने आप ही इस बात का खुलासा कर यह सिद्ध किया है कि उस समय सिखों को जान से मार कर कानून की कैसे धज्जियां उड़ाई जाती थीं। उन्होंने कहा कि इकबाल करने वाले भी क्योंकि स्वयं मुख्यमंत्री हैं, इसलिए उनकी जिम्मेदारी और भी अधिक हो जाती है कि मामलों की तह तक जा कर उस समय का असली सत्य सामने लाया जाए।
भाई चावला ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री यह बताने का कष्ट भी करें कि उन्होंने 21 सिखों को बचाने के लिए यह कदम उठाया था या खत्म करवाने के लिए? उन्होंने कहा कि जब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने यह स्वयं स्वीकार किया है कि जिन व्यक्तियों को उन्होंने पेश करवाया था, को मार दिया गया तो फिर तुरंत मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को नामजद करना चाहिए। उन्होंने विशेष ध्यान देते कहा कि यदि केस की बारीकी के साथ जांच हो तो कई परतें खुलेंगी। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के परिवारों को इंसाफ के साथ-साथ मुआवजा भी देना चाहिए।