Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Dec, 2017 12:08 PM
लोकल बॉडीज विभाग में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू करने बारे नवजोत सिद्धू के दावे सिर्फ बातों तक ही सीमित होकर रह गए हैं जबकि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की अगुवाई वाला शहरी विकास मंत्रालय इस मामले में काफी आगे निकल गया है जिसने घर बैठे...
लुधियाना(हितेश): लोकल बॉडीज विभाग में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू करने बारे नवजोत सिद्धू के दावे सिर्फ बातों तक ही सीमित होकर रह गए हैं जबकि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की अगुवाई वाला शहरी विकास मंत्रालय इस मामले में काफी आगे निकल गया है जिसने घर बैठे चेंज ऑफ लैंड यूज पास करने की सुविधा लागू कर दी है जबकि नगर निगमों में ऑनलाइन नक्शे पास करने बारे सिद्धू के ड्रीम प्रोजैक्ट का अब तक सॉफ्टवेयर ही नहीं तैयार हो पाया है।
यहां बताना उचित होगा कि कैप्टन व सिद्धू भले ही एक-दूसरे के साथ बहुत अच्छे संबंध होने का दावा करते रहे लेकिन अंदरखाते सब ठीक नहीं है जिसकी शुरूआत उस समय ही हो गई थी जब कैप्टन ने सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने का विरोध किया था हालांकि राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के दखल के चलते सिद्धू की कांग्रेस में एंट्री हो गई लेकिन कैप्टन ने पहले उन पर एक परिवार एक टिकट का फार्मूला लागू कर दिया और फिर पूर्ण बहुमत की बात कहकर सिद्धू का डिप्टी सी.एम. बनने का सपना भी पूरा नहीं होने दिया।यह कड़वाहट सरकार बनने के बाद भी अक्सर नजर आती है जिसमें फास्ट-वे केबल पर एक्शन लेने बारे सिद्धू के दावे की कैप्टन ने यह कहकर सरेआम हवा निकाल कर रख दी कि बदलाखोरी की भावना के साथ कोई काम नहीं किया जाएगा। सिद्धू द्वारा माझा के कुछ विधायकों के साथ मिलकर की जा रही सुखबीर व मजीठिया पर एक्शन लेने की मांग भी कैप्टन द्वारा पूरी न करने पर उन्हें सार्वजनिक तौर पर गृह मंत्रालय मांग कर अपना गुस्सा जाहिर करना पड़ा।सूत्रों के मुताबिक सिद्धू द्वारा पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ व अन्य विधायकों की मौजूदगी में यह कहा जा चुका है कि सरकार द्वारा न तो लोकल बॉडीज के लिए ग्रांट दी जाती है और न ही उनके मंत्रालय से संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी मिल रही है।
हालात सुधरने की बजाय कैप्टन की अगुवाई वाले शहरी विकास मंत्रालय की लोकल बॉडीज विभाग के साथ खींचतान तेज हो गई है क्योंकि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार कम करने के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू करने के दावे तो सिद्धू करते रहे और उसे लागू करने में बाजी पुडा ने मार ली।इसका सबूत गत दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में तब देखने को मिला जब अर्बन डिवैल्पमैंट अथारिटी ने सारे पंजाब के मास्टर प्लान डिजीटल होने के बाद चेंज ऑफ लैंड यूज की मंजूरी ऑनलाइन मिलने बारे एप.सी.एम. व अन्य मंत्रियों के हाथों से लांच करवा दिया, जिनमें सिद्धू भी शामिल थे जिन्होंने अवैध निर्माण पर कार्रवाई न होने के हालात पर काबू पाने के लिए ऑनलाइन नक्शे पास करने का ऐलान किया हुआ है जिसे सितम्बर तक लागू करने बारे किए गए दावे पर अमल का अब तक कोई नामोनिशान नहीं है जबकि ऑनलाइन सुविधाएं देने में शहरी विकास मंत्रालय आगे निकल गया है जिसे लोकल बॉडीज के साथ अटैच करने का सिद्धू का सपना भी कैप्टन ने पूरा नहीं होने दिया।