Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Mar, 2018 09:17 AM
एक साल पहले जिस विधानसभा हलके लंबी में जाकर कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने वहां की जनता से अनेक वायदे किए थे, मुख्यमंत्री बनने के बाद कैप्टन उन सभी वायदों को भूल चुके हैं। हालात ऐसे हैं कि जिस हलके से कैप्टन ने चुनाव लड़ा था, पिछले एक साल में एक बार भी...
जालंधर(रविंदर): एक साल पहले जिस विधानसभा हलके लंबी में जाकर कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने वहां की जनता से अनेक वायदे किए थे, मुख्यमंत्री बनने के बाद कैप्टन उन सभी वायदों को भूल चुके हैं। हालात ऐसे हैं कि जिस हलके से कैप्टन ने चुनाव लड़ा था, पिछले एक साल में एक बार भी वहां का कैप्टन ने दौरा नहीं किया। 2017 विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने लंबी विधानसभा सीट से 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल को चुनौती दी थी। अमरेंद्र सिंह इस सीट से 22670 वोटों के अंतर से हार गए थे।
विधानसभा चुनाव के दौरान यह प्रदेश की सबसे गर्म सीट रही थी और देश भर की इस सीट से आने वाले नतीजों पर नजर थी। कैप्टन अमरेंद्र सिंह व प्रकाश सिंह बादल के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी यहां से अपने दिग्गज नेता जरनैल सिंह को मैदान में उतारा था। लंबी सीट का इंचार्ज कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अपने बेटे रणइंद्र सिंह को बनाया था और उन्होंने भी चुनाव प्रचार दौरान लंबी की जनता से बड़े-बड़े वायदे किए थे, परंतु रणइंद्र सिंह के कदम भी पिता के हारने के बाद दोबारा लंबी की धरती पर नहीं पड़े। लंबी का वोटर कैप्टन की इस कार्यप्रणाली से बेहद खफा है। लंबी की जनता का कहना है कि चुनावों के दौरान बड़े-बड़े वायदे किए गए थे। दलित तो बेहद खफा हैं जो कहते हैं कि चुनावों के दौरान 2 हजार रुपए पैंशन देने का वायदा किया गया था, मगर आज तक उसे पूरा नहीं किया गया। युवाओं का कहना है कि स्मार्ट फोन व नौकरी देने का वायदा किया था, परंतु आज तक नहीं मिली। गरीबों का कहना है कि आटा-दाल के साथ-साथ नीले कार्ड पर चीनी व चायपत्ती का वायदा किया गया था, मगर कुछ नहीं मिला, उलटा कैप्टन को वोट डाल कर तो हमने अकालियों का विरोध मोल ले लिया।
बादल लगातार जनता के संपर्क में
इसके उलट पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की बात करें तो वह लगातार जनता के संपर्क में रह रहे हैं। चाहे इलाके में कोई भोग सैरेमनी हो, चाहे किसी के घर शादी समारोह हो या फिर कोई फंक्शन, बड़े बादल कहीं भी मौका नहीं चूकते और लगातार जनता के संपर्क में रहते हैं। यही नहीं, बादल की टीम भी लगातार इलाके के मुद्दों को मीडिया के जरिए उठाती रहती है। अकाली दल मालवा जोन के सीनियर वाइस प्रधान रणजोध सिंह कहते हैं कि लंबी से चुनाव हारने के बाद कैप्टन व उसके बेटे दोनों ही लंबी की जनता को भूल चुके हैं, जबकि लंबी की जनता ने कैप्टन को 43 हजार वोट दिए थे। अगर वह लंबी के लिए कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम इन 43 हजार वोटरों का धन्यवाद करने के लिए ही लंबी आ जाते।
लंबी को मैं भूला नहीं हूं : कैप्टन
इस बारे में बात करते हुए कैप्टन अमरेंद्र सिंह कहते हैं कि लंबी को मैं भूला नहीं हूं और लंबी की जनता ने जो उन्हें प्यार दिया है, वह उनके दिल में है। वह कहते हैं कि जल्द ही वह राज्यभर के जिलों का दौरा शुरू करने जा रहे हैं और सबसे पहले वह लंबी की जनता से जाकर मिलेंगे।