Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Dec, 2017 09:42 AM
मंत्रियों में मतभेदों के कारण ही राज्य की 15 हजार के करीब अनाधिकारित कालोनियों को रैगुलर करने का फैसला पिछले दिनों हुई पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं हो सका। इस कारण कैप्टन सरकार के लिए यह मामला टेड़ी खीर बन चुका है। सहमति न बनने से आखिर...
चंडीगढ़ (भुल्लर): मंत्रियों में मतभेदों के कारण ही राज्य की 15 हजार के करीब अनाधिकारित कालोनियों को रैगुलर करने का फैसला पिछले दिनों हुई पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में नहीं हो सका। इस कारण कैप्टन सरकार के लिए यह मामला टेड़ी खीर बन चुका है। सहमति न बनने से आखिर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सीनियर मंत्री ब्रह्म महिंद्रा के नेतृत्व में 5 सदस्यीय सब कमेटी बनानी पड़ी।
उल्लेखनीय है कि अनाधिकारित कालोनियों को रैगुलर करने का मामला बादल सरकार के समय से ही चर्चा में रहा है परंतु यह सिरे नहीं चढ़ रहा था। कैप्टन सरकार ने इसके हल के लिए प्रयास शुरू करते हुए पिछले मंत्रिमंडल की बैठक में विचार-विमर्श किया था परंतु सहमति न बनने से अगली बैठक तक मामला टाल दिया गया था। बीते दिनों हुई दूसरी बैठक में भी फैसला न हो सका। सूत्रों अनुसार मंत्रीमंडल की बैठक दौरान अनाधिकारित कालोनियों बारे प्रस्ताव पर चर्चा दौरान एक मंत्री ने स्पष्ट कहा कि अनाधिकारित कालोनियों को रैगुलर करने का फैसला किसी दबाव के कारण नहीं करना चाहिए। मंत्री का विचार था कि सरकार कालोनाइजरों की राय मानने के स्थान पर अपनी शर्तों अनुसार ही कालोनियों को रैगुलर करने का फैसला ले। सूत्रों की मानें तो लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी इस मंत्री की सलाह के साथ सहमत हुए और इसलिए निर्णय पूरी सहमति होने तक टाल दिया गया है।