Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 04:41 PM
विधानसभा चुनाव में राजनीतिक जीवन की अंतिम पारी खेलने की घोषणा कर चुके कैप्टन अमरेंद्र सिंह पार्टी में नई कप्तानी को लेकर चल रही ''जंग'' को देखते हुए एक और पारी खेलने को तैयार हैं।
चंडीगढ़: विधानसभा चुनाव में राजनीतिक जीवन की अंतिम पारी खेलने की घोषणा कर चुके कैप्टन अमरेंद्र सिंह पार्टी में नई कप्तानी को लेकर चल रही 'जंग' को देखते हुए एक और पारी खेलने को तैयार हैं। मुख्यमंत्री के इस फैसले से जहां पार्टी का एक वर्ग खुश है, तो खुद को कैप्टन की जगह स्थापित करने में जुटे नेताओं के चेहरे लटक गए हैं। वहीं, अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा है कि अगली पारी तो बहुत दूर है। मनप्रीत, सिद्धू और बाजवा के होते हुए वह वर्तमान पारी ही पूरी खेल लें, तो बड़ी बात होगी।
जाखड़, राणा गुरजीत समेत कई मंत्रियों ने फैसले को सराहा
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंजाब की राजनीति में लम्बी पारी खेलने के दिए गए संकेत के बाद उनके फैसले पर समर्थन करने में कैबिनेट के मंत्रीगण आगे आ गए हैं। पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़, सिंचाई व बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा तथा वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कैप्टन के फैसले को सराहा है। जाखड़ ने कहा कि पंजाब इस समय बहुत विपरीत परिस्थितियों से गुजर रहा है जिसके लिए पूर्व अकाली-भाजपा सरकार का 10 वर्षों का शासन जिम्मेदार है। इन परिस्थितियों को मात्र 5 वर्षों में सुधारा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि कैप्टन ने जो फैसला लिया है वह सोच-समझ कर ही किया है। हम सब उनके फैसले के साथ हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन में क्षमता है कि वह राज्य में पार्टी की एक बार फिर से सरकार बनाने में सक्षम है। पंजाब के बिजली व सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अगर एक और पारी खेलते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है क्योंकि पंजाब इस समय बुरे दौर से गुजर रहा है। राज्य की आॢथक स्थिति को पूर्व अकाली सरकार तहस-नहस कर गई थी। उन्होंने कहा कि आॢथक स्थिति को सुधारने की जिम्मेदारी अब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अपने कंधों पर उठा ली है। उन्होंने कहा कि कैप्टन ने सत्ता में आने के बाद से ही पंजाब को अपने पैरों पर पुन: खड़ा करने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं।
इसी तरह से स्वास्थ्यमंत्री ब्रह्म महिन्द्रा तथा वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने भी कहा है कि अगर बादल पंजाब की राजनीति में 89 वर्ष की आयु में बने रह सकते हैं तो फिर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह दोबारा पंजाब का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं कर सकते हैं। वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने भी कैप्टन के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि यह पंजाब का सौभाग्य होगा कि कैप्टन प्रदेश की राजनीति में लम्बी पारी खेलते हैं।
वहीं राज्य सभा के सांसद और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा को निशाना बनाते हुए ग्रामीण विकास मंत्री त्रिप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने उन्हें सलाह दी कि कैप्टन अमरेंद्र के साथ अपने व्यक्तिगत मुद्दों का निपटाए। इतना ही नहीं राजिंदर सिंह बाजवा ने फिरोजपुर के विधायक परमिंदर पिंकी का समर्थन करते कहा कि पार्टी हाईकमान को बाजवा से इस्तीफा ले लेना चाहिए।
गौरतलब है कि कैप्टन ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले यह घोषणा की थी कि यह उनका अंतिम चुनाव होगा। हाल ही में हिमाचल चुनाव में प्रचार के दौरान भी उन्होंने यह बात दोहराई थी। अभी उनकी सरकार को बने हुए 9 माह का समय भी नहीं बीता है कि पार्टी में नए कप्तान को लेकर खींचतान शुरू हो गई है, जिसे देखते हुए कैप्टन ने अपने पुराने फैसले का रिव्यू करते हुए कहा है कि पंजाब के भले को देखते हुए वह अगली पारी खेलने को तैयार हैं।
अहम बात यह है कि कैप्टन ने अपने फैसले पर रिव्यू ऑल पार्टी मीटिंग के फ्लॉप होने के दो दिन बाद ही किया है। ऑल पार्टी मीटिंग में 20 में से मात्र 4 सांसद ही पहुंचे थे। वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा लगातार कैप्टन पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने इसके चलते ही ऑल पार्टी मीटिंग का बायकॉट भी किया था, क्योंकि कैप्टन ने बैठक में हिस्सा नहीं लेना था, जबकि बाजवा ने कैप्टन को घेरने की पूरी तैयारी कर ली थी। वहीं, वित्तमंत्री मनप्रीत बादल और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू भी लगातार चुनौतियां पेश कर रहे थे।