Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 04:52 PM
पंजाब सरकार ने राज्य में सभी डिप्टी कमिश्ररों को मनरेगा का अधिकतम उपयोग करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। केन्द्र में यू.पी.ए. सरकार के समय
जालंधर (धवन): पंजाब सरकार ने राज्य में सभी डिप्टी कमिश्ररों को मनरेगा का अधिकतम उपयोग करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। केन्द्र में यू.पी.ए. सरकार के समय मनरेगा को लांच किया गया था, जिसका उद्देश्य यह था कि बाजार में वस्तुओं की मांग में कमी न आ सके। अगर मजदूरों के हाथ में पैसा होगा तो वह अधिक से अधिक धनराशि खरीददारी पर खर्च करेंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अब प्रत्येक डिप्टी कमिशनर से बैठक के दौरान उन्हें मनरेगा का अधिक से अधिक लाभ उठाने के निर्देश देने शुरू कर दिए हैं। कल कैप्टन अमरेन्द्र सिंह जब होशियारपुर के जिलाधिकारियों से बैठक कर रहे थे, तो उन्होंने मनरेगा पर अधिक जोर दिया। मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्ररों को निर्देश दिए हैं कि वे अधिक से अधिक लाभार्थी मजदूरों को जॉब कार्ड जारी करे, जिससे मजदूर अपना जीवन यापन करने के लिए उचित पैसा कमा सके। अभी तक पंजाब मनरेगा का ज्यादा लाभ नहीं उठा सका है, जबकि बिहार जैसे कई राज्यों ने केन्द्र की मनरेगा योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाया है।पंजाब में चल रहे वित्तीय संकट को देखते हुए सरकार की आमदनी को बढ़ाने के लिए बाजार ने क्रय विक्रय की गतिविधियों को बढ़ावा देना जरूरी हो गया है। पहले ही नोटबंदी तथा जी.एस.टी. के कारण बाजार में मांग गिरी हुई है। इसे देखते हुए भी मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने मनरेगा पर जोर देने का निर्णय लिया है।
मजदूरों की आमदनी बढऩे पर वह बाजार में खरीददारी करने के लिए आएंगे, जिससे मांग में बढ़ौतरी होगी तथा इससे औद्योगिक उत्पादन में तेजी का रुख देखने को मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि केन्द्र द्वारा प्रायोजित विभिन्न स्कीमों का अधिक से अधिक लाभ उठाते हुए विकास कार्यों पर ध्यान दिया जाए। कैप्टन अमरे्न्द्र सिंह मानते हैं कि मौजूदा हालात व अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार के अधिकारियों को अधिक सेअधिक केन्द्र की कल्याणकारी स्कीमों का लाभ उठाना चाहिए तथा अनय् राज्यों की तरह पंजाब को भी केन्द्र से अधिक से अधिक फंड लाने के लिए प्रयास करने चाहिएं। मनरेगा का बिहार में नीतीश सरकार ने भरपूर लाभ उठाते हुए राज्य में मजदूरों के लिए रोजगार के अनेकों अवसर पैदा किए जिस कारण पंजाब में आप्रवासी श्रमिकों का आना कम हो गया। अमरेन्द्र सरकार की भी कोशिश है कि मनरेगा के तहत अधिक फंड लेकर रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जाए।