Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 08:23 AM
वर्ष 1947 में देश के हुए बंटवारे को दर्शाने वाला विश्व का पहला अजायब घर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने देश को
अमृतसर (कमल, महेन्द्र,ममता): वर्ष 1947 में देश के हुए बंटवारे को दर्शाने वाला विश्व का पहला अजायब घर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने देश को समर्पित कर दिया। देश के बंटवारे के इतिहास के दुखदायी पलों एवं यादों का वर्णन करते हुए कैप्टन अमरेन्द्र स्ंिाह ने कहा कि विभाजन के समय वे युवा थे और एक रेलगाड़ी से शिमला में स्थित अपने बोॄडग स्कूल से घर वापस आ रहे थे। उस दौरान जब उन्होंने डिब्बे का पर्दा हटाया तो एक स्टेशन पर लाशें पड़ी देखी थीं।
वह दर्दनाक दृश्य आज भी उनके यादों में है। उन्होंने अपनी माता राजमाता महिन्द्र कौर के कार्यों को भी याद किया, जिन्होंने शरणार्थी लड़कियों को उनके घरों तक पहुंचाने में मदद की थी। इससे पहले स्थानीय निकाय, पर्यटन, सांस्कृतिक मामले, पुरातत्व तथा अजायब घर संबंधी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि इस म्यूजियम ने समय की धूल में खो रहे इतिहास को पुनर्जीवित किया है। इस मौके पर गुलजार की कविता का वृत्तांत पेश किया गया जिन्होंने अपनी नई अनुवाद हुई किताब ‘फुट-प्रिंट्स आफ जीरो लाइन’ जारी की, जो बंटवारे पर लिखी गई है। बंटवारे पर लघु नाटक भी मंचित किया गया और हशमत सुल्ताना बहनों की तरफ से सूफी संगीत भी पेश किया गया। इस अवसर पर उर्वशी बुटालिया तथा सुरजीत पात्र भी मौजूद थे।