Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Feb, 2018 08:51 AM
शहीद जनरल शाम सिंह अटारी वाला के 172वें शहीदी दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समागम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार ने शहीद जनरल शाम सिंह अटारीवाला की जीवनी व उनके बलिदान को पंजाब स्कूल शिक्षा...
अमृतसर (नीरज): सरकार के ख़िलाफ नाराज़गी जताने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमेन्द्र सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू जन तक मंच पर इकठ्ठे नजर आए। जानकारी के अनुसार शहीद जनरल शाम सिंह अटारी वाला के 172वें शहीदी दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समागम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार ने शहीद जनरल शाम सिंह अटारीवाला की जीवनी व उनके बलिदान को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने का फैसला लिया है ताकि बच्चे उनके बलिदान व जीवन से प्रेरणा ले सकें। एन.सी.आर.टी. को भी शाम सिंह अटारीवाला की जीवनी पर पुस्तक लिखने के लिए लिखा गया है।
इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय अटारी रेलवे स्टेशन व इंटरनैशनल इंटैग्रेटेड चैक पोस्ट अटारी का नाम भी जनरल शाम सिंह अटारी वाला के नाम पर रखने के लिए केन्द्र सरकार से बात की है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह शाम सिंह अटारी वाला के समाधि स्थल पर रखवाए गए अखंड पाठ साहिब के भोग में शामिल हुए और सेना द्वारा दिए गए विजयंत टैंक को स्थापित करने का भी उद्घाटन किया। उन्होंने शहीद की याद में स्थापित किए गए म्यूजियम व खेल मैदान के लिए भी 10 लाख रुपए देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यहां पर मिग जहाज भी जल्द ही स्थापित किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय से भी अपील की गई है कि हर वर्ष अटारी में पश्चिमी कमान के पूर्व सैनिकों की रैली करवाई जाए। अटारी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर रिट्रीट सैरेमनी परेड देखने आने वाले लाखों पर्यटकों की आमद को देखते हुए अटारी गांव को वाई-फाई जोन बनाने के लिए संचार मंत्रालय को लिखा गया है। शहीद शाम सिंह अटारी वाला ट्रस्ट की मांग को मंजूर करते हुए मुख्यमंत्री ने अटारी गांव के 3 नौजवानों को बतौर गाइड अटारी में तैनात करने के लिए पंजाब हैरीटेज एंड टूरिज्म बोर्ड को निर्देश दिए हैं। इस पूरे समागम में जो बात ख़ास रही वह थी सिद्धू और कैप्टन की 'केमिस्ट्री'। सिद्धू न सिर्फ़ कैप्टन को लेने गए थे बल्कि जहां-जहां कैप्टन गए वहां सिद्धू भी दिखाई दिए।