TET टैस्ट के सिलेबस को बदलवाने के लिए अभ्यर्थी पहुंचे हाईकोर्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jan, 2018 06:40 PM

candidates reach out to replace tet test syllabus

टीचर एलिजिबिल्टी टैस्ट (टीईटी) में अन्य भाषाओं को छोड़कर सिर्फ अंग्रेजी के सवाल पूछने पर उम्मीदवारों ने एतराज जताया है और बार-बार विभाग से डिमांड करने के बाद भी सिलेबस नहीं बदला गया। ऐसे में सिलेबस बदलवाने के लिए अम्यार्थी हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। हाल...

पटियाला(प्रतिभा विरदी): टीचर एलिजिबिल्टी टैस्ट (टीईटी) में अन्य भाषाओं को छोड़कर सिर्फ अंग्रेजी के सवाल पूछने पर उम्मीदवारों ने एतराज जताया है और बार-बार विभाग से डिमांड करने के बाद भी सिलेबस नहीं बदला गया। ऐसे में सिलेबस बदलवाने के लिए अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। हाल ही में इस आपत्ति को लेकर कोर्ट में अपील दायर की गई। जिसे लेकर संबंधित जस्टिस ने पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड, एजुकेशन मिनिस्टर और एससीईआरटी को नोटिस जारी कर दिया है। 

गौरतलब है कि उक्त समस्या हिंदी और संस्कृत विषयों के उम्मीदवारों ने जताई है। उनका कहना है कि अंग्रेजी, साईंस और गणित के पेपर में अंग्रेजी भाषा और सोशल साईंस, इतिहास पढऩे पढ़ाने वालों को ही फायदा मिलता है पर हिन्दी, संस्कृत और अन्य विषयों के अम्यार्थियों को इससे भारी नुकसान होता है। ऐसे में इस बात की मांग खासतौर पर की जा रही है कि सिलेबस बदला जाए ताकि सभी को अपने संबंधित विषयों का फायदा मिल सके। लेकिन इस मांग को किसी ने भी नहीं माना तो मजबूर होकर कोर्ट का रास्ता इख्तिहार करना पड़ा। 

इस समय सिलेबस के कुल 150 अंक निर्धारित हैं-
30 अंक- चाइल्ड साइकोलॉजी और पेडागॉय (कंपलसरी)
30 अंक- लैंग्वेज-1, पंजाबी कंपलसरी (कंपलसरी)
30 अंक- लैंग्वेज-2, अंग्रेजी (कंपलसरी)
60 अंक सोशल साईंस, इतिहास, साईंस और गणित

क्या डिमांड है अभ्यर्थियों की?
अन्य विषयों के अभ्यर्थियों का कहना है कि द्वितीय भाषा अंग्रेजी के स्थान पर उन्हें एनसीटीई की गाइडलाईंस के अनुसार अपनी भाषा का विकल्प दिया जाए या फिर हरियाणा और राजस्थान की तरह 60 अंकों के अपने विषय के प्रश्न पूछे जाएं। ताकि अम्यार्थी अपनी पढ़ाने वाली भाषा चुन सके। केवल अंग्रेजी को उनकी मजबूरी न बनाया जाए। अभी एनसीटीई सैकेंड लैंग्वेज के विकल्प में लगभग 20 भाषाओं का विकल्प देती है। इसमें से राज्य अपने यहां पढ़ी या पढ़ाए जाने वाली सभी भाषाओं को विकल्प में दे सकता है।

जिसने भी सिलेबस बनाया, उसने कैंडिडेट की योग्यता को देखकर बनाया होगा: डीईओ
वहीं इस मामले में डीईओ दर्शन लाल ने कहा कि जिसने भी सिलेबस बनाया है, उसने आज के कैंडिडेट की योग्यता को देखकर ही बनाया होगा। माहिरों ने हर सोच समझकर ही सिलेबस तैयार किया होगा। इसी से ही टीचर का स्टैंडर्ड भी अप हो जाएगा। फिर भी कैंडिडेट हाईकोर्ट गया है और जो भी फैसला होगा, उसके मुताबिक सिलेबस को तैयार कर दिया जाएगा।

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