Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jun, 2017 02:47 PM
नजदीकी गांव नंदगढ़ से भागसर तक मंडीकरण बोर्ड द्वारा जो सड़क बनाई गई, उस सड़क का नहरी विभाग द्वारा मलियामेट कर दिया गया है व सड़क का कहीं नामो-निशान नहीं रहा। यह सड़क बंद होने के कारण इस क्षेत्र के लोगों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): नजदीकी गांव नंदगढ़ से भागसर तक मंडीकरण बोर्ड द्वारा जो सड़क बनाई गई, उस सड़क का नहरी विभाग द्वारा मलियामेट कर दिया गया है व सड़क का कहीं नामो-निशान नहीं रहा। यह सड़क बंद होने के कारण इस क्षेत्र के लोगों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि मंडीकरण बोर्ड द्वारा नंदगढ़ से भागसर की नर्सरी तक 8 किलोमीटर लंबी सड़क वर्ष 2015 में करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च करके बनाई गई थी। गांव भागसर के पूर्व प्रिंसीपल व कांग्रेस कमेटी बुद्धिजीवी सैल के नेता जसवंत सिंह बराड़ ने बताया कि 1994 में बनी इस सड़क को अप्रैल 2016 में नहरी विभाग ने तोड़ दिया व नजदीकी भागसर रजबाहे में से मिट्टी निकालकर सड़क को मिट्टी के नीचे दबा दिया। नहरी विभाग द्वारा रजबाहे को नए सिरे से बनाया गया था। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों की मेहरबानी के चलते ही सार्वजनिक फंड नष्ट हो गया, जिस कारण इस प्रोजैक्ट पर हुए फंडों के नुक्सान की जांच किसी निष्पक्ष एजैंसी या विजीलैंस विभाग से करवाई जाए।
उन्होंने बताया कि 4 सितम्बर 2016 को उन्होंने यह मामला जिलाधीश के ध्यान में लाया था परंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जसवंत सिंह बराड़ ने आर.टी.आई. के माध्यम से नहरी विभाग से सूचना मांगी थी जिसके जवाब में नहरी विभाग के कार्यकारी इंजीनियर अबोहर कैनाल मंडल ने सिर्फ इतना ही जवाब दिया कि बेहतर सप्लाई को ध्यान में रखते हुए ही भागसर माइनर का पुन: निर्माण करवाया गया है तथा रजबाहे का निर्माण नहरी विभाग की जमीन पर ही किया गया है।
बराड़ ने कहा कि अब सवाल यह उठता है कि 8 किलोमीटर लंबी इस सड़क को खत्म करने के लिए क्या सिंचाई विभाग ने पंजाब सरकार से अनुमति ली थी। उन्होंने यह भी कहा कि भागसर माइनर की जो अपग्रेशन की गई है, उसके निर्माण की भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।