शाही शहर को चाहिए कैनाल बेस्ड वाटर सप्लाई प्रोजैक्ट

Edited By Updated: 26 Apr, 2017 11:54 AM

canal based water supply project

शाही शहर पटियाला को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए शहर को कैनाल बेस्ड वाटर सप्लाई प्रोजैक्ट की जरूरत है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के

पटियाला(राजेश): शाही शहर पटियाला को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए शहर को कैनाल बेस्ड वाटर सप्लाई प्रोजैक्ट की जरूरत है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब उम्मीद बन गई है कि यह प्रोजैक्ट सिरे चढ़ जाएगा। दिन-प्रतिदिन ग्राऊंड वाटर का स्तर नीचे गिरने से शहर में पीने वाले पानी का संकट हमेशा ही रहा है। गत 10 वर्ष से पंजाब में अकाली-भाजपा की सरकार थी। वर्ष 1998 से ही पटियाला के लोग प्रत्येक चुनाव में कांग्रेस पार्टी व खास कर शाही परिवार को ही जिताते आ रहे हैं, जिसके कारण बादल सरकार ने पटियाला के विकास प्रोजैक्टों को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। यहां तक कि पटियाला के विकास के लिए बनाई गई पटियाला डिवैल्पमैंट अथारिटी (पी.डी.ए.) के फंड भी भटिंडा में शिफ्ट कर दिए थे। एक दशक बाद फिर से कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए हैं जिसके कारण उम्मीद जगी है कि अब शहर को यह अहम प्रोजैक्ट मिल जाएगा।

क्या है कैनाल बेस्ड वाटर सप्लाई प्रोजैक्ट 
इस प्रोजैक्ट के तहत भाखड़ा के पानी को ट्रीट करने के बाद इसे पीने योग्य बनाया जाएगा और इस पानी को शहर में सप्लाई किया जाएगा। पटियाला के लिए यह प्रोजैक्ट इसलिए फिट है कि पटियाला के तीन तरफ से भाखड़ा गुजरती है। संगरूर रोड, भादसों रोड व नाभा रोड से भाखड़ा गुजरती है। यहां किसी भी जगह पर ट्रीटमैंट प्लांट लगाया जा सकता है। भादसों रोड स्थित गांव जस्सोवाल के पास काफी शामलाट जमीन पड़ी है। यहां पर 15 एकड़ जमीन पंचायत से लेकर यह प्लांट लगाया जा सकता है। इससे पहले भी कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार के समय ही गांव जस्सोवाल की पंचायत ने राजीव गांधी नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए 50 एकड़ शामलाट जमीन दी थी। अब फिर कैप्टन सरकार अपने इस अहम प्रोजैक्ट के लिए जस्सोवाल गांव की पंचायत से सहायता ले सकती है।

मौजूदा समय शहर में हैं 131 ट्यूबवैल, 20 नए लगाने की तैयारी
शाही शहर पटियाला में मौजूदा समय 131 ट्यूबवैल लगे हुए हैं जबकि 20 नए ट्यूबवैल लगाने की तैयारी चल रही है। शहर की 5 लाख की आबादी को इन 131 ट्यूबवैलों से पानी की सप्लाई दी जा रही है। दिन-प्रतिदिन भू-जल स्तर नीचे गिरता जा रहा है जिसके कारण हर वर्ष 2-4 ट्यूबवैल खराब हो जाते हैं। जिन इलाकों के ट्यूबवैल अचानक पानी देना बंद कर देते हैं उन इलाकों में पानी सप्लाई की समस्या शुरू हो जाती है।

अमरूत योजना के तहत बनाई जाएंगी टैंकियां
केंद्र सरकार की अटल मिशन फॉर रीजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन (अमरूत) योजना के तहत शाही शहर में नई टैंकियों का निर्माण किया जाएगा। कैनाल बेस्ड वाटर सप्लाई प्रोजैक्ट के लिए टैंकियां जरूरी हैं, जिनमें पानी स्टोर किया जाना है। मौजूदा समय शहर में 20 बड़ी टैंकियां हैं, जिनमें से सिर्फ 5 टैंकियां चालू हालत में हैं जबकि 15 की हालत खस्ता होने के चलते ये बंद हैं जिसके चलते ही सीधे ट्यूबवैलों से पानी की सप्लाई की जाती है। ऐसे में बिजली चली जाने पर या लंबे कट लगने से पानी की सप्लाई प्रभावित होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में शहरों के लिए अमरूत योजना शुरू की थी। जिसके तहत पटियाला के लिए 46 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं। इन पैसों से पानी की टैंकियों का निर्माण किया जाएगा, जिसका फायदा कैनाल बेस्ड वाटर सप्लाई प्रोजैक्ट को भी मिलेगा। अमरूत योजना के तहत 50 फीसदी पैसा केंद्र सरकार, 30 फीसदी पंजाब सरकार जबकि 20 फीसदी नगर निगम देगा। 

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