Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 May, 2017 10:11 AM
पंजाब कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत को लेकर सियासत गर्माई हुई है। पंजाब सरकार द्वारा 89 रेत-बजरी की खदानों की जो नीलामी करवाई गई
कपूरथला (वैब): पंजाब कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत को लेकर सियासत गर्माई हुई है। पंजाब सरकार द्वारा 89 रेत-बजरी की खदानों की जो नीलामी करवाई गई उसमें कई तरह की घपलेबाजी की गई है।
राणा गुरजीत सिंह का रसोइया, जिसके नाम पर फर्जी तरीके से खदानें ली गई हैं लेकिन जब पंजाब केसरी की वैब टीम ने राणा गुरजीत के रसोइए अमित बहादुर से बात की तो उसने बताया कि वह पहले राणा गुरजीत का रसोइया था पर 28 फरवरी को उसने नौकरी छोड़ दी थी, जबकि बलराज सिंह, कुलविंद्र सिंह और बलविन्द्र सिंह भी राणा की विभिन्न मिलों आदि में कर्मचारी हैं।रसोइए अमित बहादुर के नाम पर 26 करोड़ की खदान ली गई और अन्य तीनों कर्मचारियों के नाम पर भी करोड़ों की खदानें खरीद कर तकरीबन 52 करोड़ रुपए की खदानें फर्जी तरीके से ली गई हैं।
वहीं विपक्ष का कहना है कि अकाली दल की सरकार में अकाली नेता रेत-बजरी, केबल, ट्रांसपोर्ट जैसे कारोबारों पर कब्जे किए हुए थे और कांग्रेसी चुप थे, अब कांग्रेसी वही सब कर रहे हैं और अकाली चुप हैं। ऐसे में ‘आप’ चुप नहीं बैठेगी और राणा जैसे नेताओं का सच जनता के सामने लाया जाएगा।