Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jul, 2017 11:57 AM
सीमावर्ती जिला इन दिनों बस स्टैंड की कमी झेल रहा है। रोडवेज के रिकार्ड अनुसार जिले में विभाग के मात्र 2 बस स्टैंड हैं फिरोजपुर सिटी और
फिरोजपुर (जैन): सीमावर्ती जिला इन दिनों बस स्टैंड की कमी झेल रहा है। रोडवेज के रिकार्ड अनुसार जिले में विभाग के मात्र 2 बस स्टैंड हैं फिरोजपुर सिटी और जीरा। बाकी जिन स्थानों पर बस स्टैंड हैं, वे नगर कौंसिल के हैं। आलम यह है कि लोगों को बस पकडऩे के लिए दर-दर भटकना पड़ता है और बसों के सड़क किनारे खड़ा होने से ट्रैफिक सिस्टम बिगड़ जाता है।
फिरोजपुर सिटी बस स्टैंड को राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर करीब एक दशक पहले बनवाया था। प्रशासन की बेरुखी के कारण यहां सभी बसें न आने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और उक्त बस स्टैंड मात्र सुनसान बना रहता है, जबकि यात्री अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए कैंट बस स्टैंड का रुख करते हैं। सिटी बस स्टैंड में सभी बसों का आवागमन शुरू करवाने के लिए कई बार धरने-प्रदर्शन और कोर्ट का सहारा भी लिया गया, लेकिन हालात पहले जैसे ही हैं। तलवंडी भाई में बस स्टैंड तो है, लेकिन न तो सभी बसे वहां जाती हैं और न वहां सफाई व अन्य प्रबंध है। यात्रियों को विभिन्न चौक-चौराहों पर जाकर बस पकडऩी पड़ती है।
ममदोट में बस स्टैंड न होने के कारण फिरोजपुर, गुरुहरसहाय सहित अन्य शहरों के लिए बस अलग स्थानों पर मिलती है, जिस कारण सड़क किनारे बसें खड़ी होने से ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित होता है और लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ती है। गठबंधन सरकार के समय में लोगों द्वारा यह मुद्दा कई बार उठाया था। वहीं, गुरुहरसहाय में भी बस स्टैंड पर बसें कम ही आती हैं। यहां भी अन्य कस्बों की तरह लोग बाईपास से ही बस पकड़ते हैं। मक्खू में बस स्टैंड न होने के कारण रेलवे क्रासिंग के नजदीक से लोगों को बस पकडऩी पड़ती है और अक्सर यहां ट्रैफिक जाम रहता है। विधायक कुलबीर सिंह जीरा ने लोगों से बस स्टैंड बनवाने का वायदा किया था, जो अब तक पूरा होता नहीं नजर आ रहा है। करोड़ों की लागत से हरेक गांव में सरकार द्वारा बनाए गए बस स्टॉपेज/ले-बाई की हालत भी बदतर हो चुकी है। उनमें बनी दुकानें लेने के लिए भी न तो कोई विभाग के पास आवेदन आया और न ही इन पर बस रुकती है।