Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jul, 2017 07:22 AM
ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी महज खानापूर्ति साबित हो रही है क्योंकि पुलिस मुलाजिमों के सामने ही बस चालक नियम तोड़ते हुए सवारियां उठा रहे हैं जबकि ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के मुताबिक बसें केवल बस अड्डे के अन्दर से सवारियां उठा सकती हैं.............
जालंधर (पुनीत): ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी महज खानापूर्ति साबित हो रही है क्योंकि पुलिस मुलाजिमों के सामने ही बस चालक नियम तोड़ते हुए सवारियां उठा रहे हैं जबकि ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के मुताबिक बसें केवल बस अड्डे के अन्दर से सवारियां उठा सकती हैं जबकि आलम यह है कि बस चालक जहां चाहें, वहां बस रोककर सवारियां उठा रहे हैं। आज यहां बस अड्डे के फ्लाईओवर के सामने बसें सवारियां उठाती हुई देखी गईं। इस दौरान ए.एस.आई. प्रदीप कुमार ड्यूटी पर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के साथ नजर आए लेकिन पुलिस के सामने ही नियम टूटते रहे।
इस दौरान लिबड़ा बस सॢवस की एक बस बिना किसी भय के सवारियां उठाती रही। मीडिया के मौके पर पहुंचने के बाद कुछ बसों के चालान काटे गए। गत 10 जुलाई को आई.ए.एस. अधिकारी प्रिंसीपल सैक्रेटरी स्टेट ट्रांसपोर्ट सर्वजीत सिंह ओबराय, डायरैक्टर ट्रांसपोर्ट भुपिन्द्र सिंह राय द्वारा आर.टी.ए., डी.टी.ओ. सहित रोडवेज के अधिकारियों के साथ मीटिंग करके आदेश दिए गए थे कि बस अड्डे के बाहर से सवारियां उठाने वाली बसों का परमिट कैंसिल किया जाएगा।
इसके बाद पंजाब केसरी द्वारा प्रमुखता से इस मामले को उठाया गया। 14 जुलाई को हरकत में आई पुलिस ने बस अड्डे के बाहर से सवारियां उठाने वाली बसों के चालान करने शुरू किए। अभी तक ट्रैफिक पुलिस द्वारा 100 के करीब चालान किए जा चुके हैं लेकिन इसके बावजूद बस चालकों को प्रशासन की परवाह नहीं है। इसका मुख्य कारण यह है कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा मात्र 300 रुपए का स्पॉट चालान किया जाता है, जिसके चलते बस चालक प्रशासन की परवाह नहीं करते।
रामा मंडी चौक में भी नाके की परवाह नहीं
रामा मंडी चौक की बात की जाए तो वहां नाके पर चालान-बुक पड़ी थी लेकिन बस चालकों को इस नाके की भी परवाह नहीं थी। नाके के सामने बिना डर के बसें रुक रही थीं और सवारियां चढ़ा रही थीं। वहीं पी.ए.पी. चौक में आज भी ट्रैफिक पुलिस ने बसें नहीं रुकने दीं लेकिन बस चालकों ने पुलिस नाके से 150-200 फुट की दूरी पर सवारियां चढ़ाना जारी रखा। इस दौरान देखने में आया कि कई बस चालक तो बीच सड़क ही सवारियां चढ़ा रहे थे, जोकि दुर्घटना का कारण भी बन सकता था।