Edited By Updated: 16 May, 2017 12:55 PM
13 मई की शाम को रामपुरा फुल में एक निजी कंपनी की बस को लगी आग, जिनमें 3 लोग जिंदा जल गए थे, की घटना में नामजद किए गए बस चालक
भटिंडा(बलविंद्र): 13 मई की शाम को रामपुरा फुल में एक निजी कंपनी की बस को लगी आग, जिनमें 3 लोग जिंदा जल गए थे, की घटना में नामजद किए गए बस चालक व मालिक दोनों को पुलिस ने रिहा कर दिया, जबकि बस कंडक्टर से पूछताछ तक नहीं की गई , परंतु लोगों ने कहा कि कंडक्टर भी उतना ही जिम्मेदार था, जितना ड्राइवर था? इस लापरवाही के चलते बस चालक को फांसी की सजा होनी चाहिए।
कंडक्टर ने सवारियां छोड़ अपनी जान बचाने को दी तरजीह
भयानक हादसे में आरोपी पाए गए बस चालक चरनजीत सिंह व मालिक गुरमेल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन एक घंटे में ही उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस मामले में बस कंडक्टर के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। कांग्रेसी नेता मनदीप झुंबा ने कहा कि उक्त हादसा बस चालक की लापरवाही के कारण हुआ लेकिन इसके बावजूद उसके खिलाफ मामूली धाराओं के तहत मामला दर्ज करके उसे रिहा कर दिया गया। चालक ने न केवल लापरवाही बरती है, बल्कि वह अपनी जान बचाकर मौके से फरार भी हो गया। सवारियों की जान बचाना उसका फर्ज था। इसके अलावा कंडक्टर ने भी अपनी जान बचाने को तरजीह दी। इसलिए उक्त दोनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए व इन्हें फांसी की सजा होनी चाहिए।
...बनती धारा लगाई ही नहीं गई
एडवोकेट गुरप्रीत सिद्धू ने कहा कि कानून की नजर से देखा जाए तो चालक व मालिक की लापरवाही के कारण ही उक्त बड़ा हादसा घटित हुआ, जिसके तहत 304 ए व अन्य धाराओं के तहत ही मामला दर्ज हो सकता था। इन धाराओं में मामले में आरोपियों को जमानत भी आसानी से हो सकती है, लेकिन अगर हादसे का भयानक व दुखद पहलू देखा जाए तो रुह कांप उठती है। इसलिए मानवता की नजर से चालक के लिए फांसी की मांग भी अतिश्योक्ति नहीं होगी।