दंगा पीड़ित के पास काम करते युवक के मोटरसाइकिल पर संघ नेता को मारी गई गोलियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Oct, 2017 11:57 PM

bullets shot to a young man working near riot victim union leader on motorcycle

17 अक्तूबर को कैलाश नगर, बस्ती जोधेवाल में घर के बाहर खड़े आर.एस.एस. नेता रविन्द्र गोसाईं (60) को गोलियां मारने वाले हत्यारों ने जो मोटरसाइकिल इस्तेमाल किया है वह 1984 के एक दंगा पीड़ित परिवार की दुकान पर नौकरी करने वाले 23 वर्षीय युवक का है। ....

लुधियाना: 17 अक्तूबर को कैलाश नगर, बस्ती जोधेवाल में घर के बाहर खड़े आर.एस.एस. नेता रविन्द्र गोसाईं (60) को गोलियां मारने वाले हत्यारों ने जो मोटरसाइकिल इस्तेमाल किया है वह 1984 के एक दंगा पीड़ित परिवार की दुकान पर नौकरी करने वाले 23 वर्षीय युवक का है। युवक 3 वर्षों से दुकान पर नौकरी कर रहा था। इस बात का खुलासा पुलिस अधिकारियों की जांच के बाद हुआ है। हत्यारों ने वारदात से 7 दिन पहले ढोलेवाल पुल के नीचे नंबर प्लेट का काम करने वाली दुकान के बाहर से मोटरसाइकिल चोरी किया था। पुलिस जांच कर रही है कि पंजाब का माहौल खराब करने के लिए कहीं 2 धर्मों के लोगों को आपस में लड़ाने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा। 

 

संक्रांति के दिन हो रही हत्याएं
पंजाब का माहौल खराब करने के लिए की जाने वाली हत्याएं शनिवार के बाद अब संक्रांति के दिन होने लग पड़ी हैं। 17 अक्तूबर को आर.एस.एस. नेता और दुर्गा माता मंदिर के बाहर हिन्दू नेता अमित शर्मा की हत्या वाला दिन संक्रांति था और 94 दिन पहले 16 जुलाई को पास्टर सुल्तान की हत्या संक्रांति शुरू होने से 2 घंटे पहले हुई थी। 

 

दुकान के बाहर लगा कैमरा खराब
जिस दुकान के बाहर से बाइक चोरी हुई है उसके बिल्कुल बाहर कैमरा तो लगा हुआ है लेकिन वह खराब है जिस कारण पुलिस को इसे हल करने में कुछ ज्यादा मशक्कत करनी पड़ सकती है।

 

शाम 6 से 8 बजे के बीच चोरी हुई बाइक
युवक ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि हर रोज की तरह 10 अक्तूबर सुबह 10 बजे दुकान पर आकर बाइक साइड पर खड़ी कर दी थी, शाम 6 बजे उसका ध्यान बाइक पर पड़ा तो वह वहां खड़ी थी लेकिन लगभग 8.30 बजे मोटरसाइकिल वहां से गायब था, जिसके बाद तुरंत पुलिस चौकी मिल्लरगंज में शिकायत दी। 

 

बाइक का लॉक नहीं तोड़ा गया 
पुलिस सूत्रों के अनुसार हत्यारों की तरफ से बाइक का लॉक नहीं तोड़ा गया बल्कि आसानी से चाबी लगाकर उसे खोला गया। पुलिस इस बात को गंभीरता से लेकर जांच कर रही है कि आखिर हत्यारों के पास बाइक की चाबी कैसे पहुंची। 

 

लुधियाना से मुहैया हो रहे हैं मोटरसाइकिल 
हत्याएं करने वालों की तरफ से वारदात में जो मोटरसाइकिल इस्तेमाल किए जा रहे हैं उन्हें लुधियाना से चोरी कर मुहैया करवाया जा रहा है। 
खन्ना में दुर्गा गुप्ता की हत्या करने में भी जिस बाइक का इस्तेमाल किया गया था वह वारदात से लगभग 15 दिन पहले लुधियाना से पी.ए.यू. के बाहर से चोरी की गई थी जो इस बात की तरफ इशारा करता है कि हत्यारों को बाइक मुहैया करवाकर देने का काम लुधियाना से हो रहा है। पुलिस को पहली बार वारदात में इस्तेमाल किया गया मोटरसाइकिल बरामद हुआ है। 

 

पीले रंग की बाइक में कई राज 
हत्यारों की तरफ से गोलीकांड में पीले रंग की स्टनर बाइक इस्तेमाल की गई है। इस बात में भी कोई राज हो सकता है। पुलिस विभाग की जांच में सामने आया है कि  वर्ष 2008 से 2014 तक पीले रंग की पूरे पंजाब में मात्र 7 हजार बाइक बेची गई थीं, इनमें से लगभग 300 बाइक लुधियाना में लोगों ने खरीदी थीं। आज से पहले हत्यारों की तरफ से पीले रंग की बाइक इस्तेमाल नहीं की गई। 

 

सड़क के दोनों तरफ लगे कैमरे खंगाल रही पुलिस
बाइक चोरी होने वाली जगह के दोनों तरफ स्मार्ट सिटी के कैमरे लगे हुए हैं। पुलिस की कई टीमों ने फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। इसके अलावा उस जगह पर आने वाले सभी रास्तों पर कई किलोमीटर तक लगे कैमरों की पुलिस फुटेज कब्जे में लेकर जांच कर रही है। 

 

काऊंटर इंटैलीजैंस के ए.आई.जी. ने देखा मौका
शुक्रवार  सुबह काऊंटर इंटैलीजैंस के ए.आई.जी. गुरप्रीत सिंह तूर जहां से मोटरसाइकिल चोरी हुआ, उस जगह पर जांच करने पहुंचे। उनके साथ सी.आई.ए. इंस्पैक्टर प्रेम सिंह थे, जिन्होंने मौके से कई अहम सुराग हासिल किए। 10 मिनट वहां रहने के बाद सभी चले गए।

 

वायरलैस भी जांच का विषय
मोटरसाइकिल चोरी की रिपोर्ट आने के बाद चौकी मिल्लरगंज की पुलिस की तरफ से पूरे शहर में वायरलैस करवाकर सूचना दी गई या नहीं, यह भी जांच का विषय है, अगर समय रहते वायरलैस की जाती तो शायद जब हत्यारे मोटरसाइकिल लेकर सड़कों पर से निकलते तो पुलिस उनको पकडऩे का प्रयास करती क्योंकि शहर में पीले रंग के मोटरसाइकिलों की गिनती काफी कम है और वारदात टल जाती। 

 

हत्यारों तक पहुंचने की बजाय गनमैन लेने वालों की साजिश में उलझी पुलिस
पंजाब में मोटरसाइकिल सवार हत्यारों द्वारा एक के बाद एक की जा रही निर्मम हत्याओं को सुलझाने की बजाय पंजाब पुलिस गनमैन लेने के चक्कर में षड्यंत्र रचने वालों के मामलों को सुलझाने में जहां अपना समय बर्बाद करती रही, वहीं दूसरी ओर शातिर अपराधी एक और वारदात को अंजाम दे गए। 


इसी कड़ी के तहत मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कर्मठ कार्यकत्र्ता रविन्द्र गोसाईं की मोटरसाइकिल सवार हत्यारों द्वारा की गई निर्मम हत्या ने लुधियाना पुलिस की कार्यकुशलता पर फिर से सवालिया निशान लगा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप स्वयं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने इस मामले को सुलझाने के लिए एन.आई.ए. को सौंपने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले भी आर.एस.एस. के जगदीश गगनेजा, माता चंद कौर संबंधित मामले सी.बी.आई. के हवाले किए जा चुके हैं। बेशक अभी तक इन मामलों में रत्ती भर भी सफलता नहीं मिली है, परंतु लुधियाना में हुई हाई-प्रोफाइल हत्याओं को सुलझाने की तरफ ध्यान देने की बजाय कमिश्नरेट पुलिस तथाकथित शिव सैनिकों व उनके द्वारा गनमैन लेने के चक्कर में रचे जा रहे घटिया षड्यंत्रों में उलझकर रह गई।  


सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणियां करके खुद को आतंकियों के निशाने पर दर्शा कर गनमैन लेने के लिए साजिशें रचने वाले बेनकाब हुए 4 हिन्दू नेताओं में से 3 का संबंध लुधियाना से रहा है। पंजाब में एक के बाद एक हिन्दू नेताओं अथवा वर्करों को निशाने पर लेने वाले कथित हत्यारों की तलाश करने की बजाय पुलिस व आलाधिकारियों का सारा ध्यान कथित रूप में साजिशकत्र्ताओं की गतिविधियों को खंगालने में ज्यादा लगा रहा।

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