Edited By Updated: 15 Mar, 2017 03:57 PM
गुरु नगरी अमृतसर में ''बस रैपिड ट्रांजिट व्यवस्था (बी. आर. टी. एस.) के अंतर्गत बादल की 600 करोड़ की बसें सड़कों पर खाली ही दौड़ रही हैं
अमृतसर: गुरु नगरी अमृतसर में 'बस रैपिड ट्रांजिट व्यवस्था (बी. आर. टी. एस.) के अंतर्गत बादल की 600 करोड़ की बसें सड़कों पर खाली ही दौड़ रही हैं क्योंकि इन बसों को सवारी न के बराबर मिल रही है, जिस कारण यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में पड़ता हुआ नजर आ रहा है। 600 करोड़ रुपए के इस प्राजेक्ट को 3 साल का समय लगा है। प्रोजेक्ट अधीन मेट्रो बसों को चलाने के लिए अमृतसर की सड़कों के बीच एक रोड बनाया गया था, जहां ये बसे चलनी थी। अब आलम यह है कि बसें तो इन रोड पर चल रही हैं लेकिन इन बसों को सवारी नहीं मिल रही क्योंकि आटो चालकों की बढ़ती संख्या ने इस प्रोजेक्ट के विकास को रोक दिया है।
कामयाब नहीं रहा यह प्रोजेक्ट
जब इस बारे अमृतसर के मेयर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अमृतसर जैसे छोटे शहर में यह प्रोजेक्ट इसलिए भी कामयाब नहीं हो रहा क्योंकि एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए सिर्फ़ 10 मिनटों का समय लगता है, इसलिए लोग बसों की जगह आटो को ज़्यादा प्राथमिकता देते हैं। इसके अलावा प्रोजेक्ट के अंतर्गत रेलवे स्टेशन से छेहरटा और साथ ही बटाला रोड से लारेंस रोड का रूट शुरू किया गया है लेकिन शहर के 2 बड़े हिस्सों को ये बसें अभी जोड़ नहीं सकीं। इस दौरान यह बात साफ़ है कि 600 करोड़ की लागत से बना यह प्रोजेक्ट अपनी रफ़्तार छीन रहा है और जनता का पैसा कहीं न कहीं डूबता हुआ नजर आ रहा है।