Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 08:37 AM
फगवाड़ा के गांव पलाही में नहरी विभाग की लापरवाही के चलते नहर में पानी का बहाव इतना ज्यादा हो गया कि एक साइड से नहर का बांध टूट गया। दरार पडऩे के बाद जानी नुक्सान तो नहीं हुआ लेकिन किसानों की फसल का अधिक मात्रा में नुक्सान हो गया।
फगवाड़ा (रूपिंद्र कौर, जलोटा): फगवाड़ा के गांव पलाही में नहरी विभाग की लापरवाही के चलते नहर में पानी का बहाव इतना ज्यादा हो गया कि एक साइड से नहर का बांध टूट गया। दरार पडऩे के बाद जानी नुक्सान तो नहीं हुआ लेकिन किसानों की फसल का अधिक मात्रा में नुक्सान हो गया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने हालातों का जायजा लिया पर उनके हाथ बंधे नजर आए।
अधिकारियों ने कूड़ा-कर्कट बताकर झाड़ा पल्ला
हाजिर अधिकारियों ने एक सांझे बयान में यह कहा है कि इस बांध के टूटने का मुख्य कारण गांव वासियों द्वारा नहर में फैंका गया कूड़ा-कर्कट है। एस.डी.एम. ज्योति बाला मट्टू ने लोगों को अपील की है कि नहर को कूड़ेदान न समझें। नायब तहसीलदार स्वप्नदीप कौर ने भी गंदगी, लिफाफे और पुरानी फोटो आदि को वजह बताकर पल्ला झाड़ लिया, परंतु यहां जिक्र योग्य यह है कि क्या सिर्फ गंदगी ही इस घटना के लिए जिम्मेदार है। क्या नहरी विभाग ने समय पर आकर पड़ी हुई दरारों की मुरम्मत की थी और क्या छोड़ा हुआ पानी सही मात्रा में था?
नुक्सान की रिपोर्ट भेजी जाएगी : मट्टू
एस.डी.एम. ज्योती बाला मट्टू और तहसीलदार इंद्रदेव ने कहा है कि इस घटना में हुए नुक्सान को जांचा जाएगा और सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि साथ ही किसानों को मुआवजा भी दिलवाने की कोशिश करेंगे।
सोए हुए नहरी विभाग की खुली नींद
जब बांध टूटने की खबर मिली तो विभाग के अधिकारी बिना किसी लेबर के मौके पर पहुंच गए और हालातों का जायजा लिया तथा नहर में छोड़े गए पानी को आर्डर देकर रुकवा भी लिया लेकिन यह बयान देकर फंस गए कि हमने तो सिर्फ 10 क्यूसिक पानी छोडऩे को कहा था परंतु विभाग ने 24 क्यूसिक पानी छोड़ दिया। यहां वर्णन योग्य है कि इतनी बड़ी गलती का खमियाजा कौन भुगतेगा?
पलाही बांध का टूटना नालायकी भरी कारगुजारी : मान
मौके पर पहुंचे जोगिंद्र सिंह मान पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब ने कहा है कि इस बांध का टूटना विभाग की नालायकी को दिखा रहा है। उन्होंने पिछले आए हुए सैलाबों का भी जिक्र किया और यह कहा कि यहां प्रयोग में लाए मैटीरियल की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए।
10 एकड़ से ज्यादा फसल का नुक्सान
इस बांध के टूटने के कारण किसानों का करीब 10 एकड़ से ज्यादा फसल का नुक्सान हो गया है। उनके द्वारा नई बोई गई गेहूं पानी में बह गई। गांव के लोगों ने बताया है कि जानी नुक्सान होना तो तय ही था लेकिन किस्मत ने बचा लिया।
सरकारी अधिकारी हाजिर, लेबर गैर-हाजिर
इस मौके पर बड़ी हैरान कर देने वाली बात यह सामने आई कि सरकारी अधिकारी तो मौके पर सबसे पहले पहुंच गए लेकिन पानी को रोकने के लिए लेबर समय पर नहीं पहुंची। गांव के लोगों द्वारा खुद ही मेहनत करके रेत के बोरे रख कर पानी के बहाव को कम किया गया।