Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Oct, 2017 04:13 PM
सलेम टाबरी थाने में महिला कांस्टेबल से धक्का-मुक्की करने व सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने के मामले में उस समय नया मोड़ गया जब इस मामले में नामजद एक महिला सिमरन कौर ने आरोप लगाया कि महिला कांस्टेबल को 10,000 रुपए रिश्वत न देने की एवज में उन पर झूठा केस...
लुधियाना(महेश): सलेम टाबरी थाने में महिला कांस्टेबल से धक्का-मुक्की करने व सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने के मामले में उस समय नया मोड़ गया जब इस मामले में नामजद एक महिला सिमरन कौर ने आरोप लगाया कि महिला कांस्टेबल को 10,000 रुपए रिश्वत न देने की एवज में उन पर झूठा केस दर्ज किया है। महिला का कहना है कि उन्होंने कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर थाने में दख्र्वास्त दी थी जिस पर कार्रवाई करने की एवज में महिला कांस्टेबल बलविन्द्र कौर उर्फ राजू उनसे कथित तौर पर रिश्वत मांग रही थी और जब उन्होंने विरोध किया तो उन पर झूठा केस दर्ज कर दिया गया। उसने पुलिस कमिश्नर से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पुलिस कमिश्नर के नाम लिखी शिकायत में मोहल्ला गुरबख्श नगर की सिमरन कौर ने कहा है कि 14 अक्तूबर की शाम को उसकी छोटी बेटी परमजोत कौर और उसका 12 साल का भांजा पीयूष अशोक नगर स्थित उसके भाई कंवरपाल सिंह के घर गए थे। भाई कंवरपाल, भाभी व पीयूष पिछले कुछ दिनों से उसके घर ठहरे हुए थे। जब उसकी बेटी व भांजा घर पहुंचे तो आंगन में एक लड़का-लड़की आपत्तिजनक अवस्था में थे। यह देखकर जब उसकी बेटी वापस लौटने लगी तो गेट से दाखिल हुए एक युवक ने उसकी बेटी से दुव्र्यवहार किया। तब किसी तरह से उसकी बेटी और भांजा वहां से भाग आए, जिन्होंने घर आकर उन्हें सारी बात बताई। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम इसकी शिकायत दी। अगले दिन उसकी बड़ी ने इस संबंधी थाने में जाकर लिखित में दख्र्वास्त दी, पर पुलिस ने 5 दिनों तक उस पर कोई एक्शन नहीं लिया। 20 अक्तूबर को वह और उसकी भाभी जब दीपक जलाने के लिए उसके घर पर गए तो उसी युवक ने अपने पारिवारिक लोगों के साथ मिलकर उसकी भाभी पर हमला कर दिया। उन्होंने इसकी शिकायत तुरंत 100 नंबर और 181 पर की। पुलिस मौके पर आई लेकिन तब भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
22 अक्तूबर को करीब 2.30 बजे उनकी पार्टी के जिला प्रधान जसवंत सिंह चीमा के मोबाइल पर महिला कांस्टेबल का फोन आया। जिले की सीनियर नेता होने के कारण चीमा का मोबाइल उसके पास था। जब उसने कॉल पिक और उससे अपनी दख्र्वास्त बाबत पूछा तो महिला कांस्टेबल ने उनकी दख्र्वास्त पर कार्रवाई करने की एवज में दीवाली के उपहार के रूप में उक्त नकदी की कथित तौर पर मांग की और उसकी बेटी जिसके साथ दुव्र्यहार हुआ था, उसे थाने भेजने को कहा। महिला का कहना है कि बीमार होने की वजह से वह थाने नहीं जा पाई। जब उसकी बेटी थाने गई तो बलविन्द्र कौर सिविल ड्रैस में थी। जब उसने अपनी दख्र्वास्त संबंधी पूछा तो बलविन्द्र ने फिर वही बात दोहराई। इस पर उसकी बेटी ने विरोध किया तो महिला कांस्टेबल ने उसके साथ गाली-गलौच करते हुए धक्का-मुक्की की और उसका मोबाइल भी छीन लिया। इसकी शिकायत करने के लिए वह पुलिस कमिश्नर के पास गए, लेकिन डी.जी.पी. के शहर में होने के कारण वह कमिश्नर से मिल नहीं पाई। इस बात का पता जब थाना पुलिस को चला तो 2 पुलिस मुलाजिम वहां पहुंच गए। बाद में उन्हें पता चला कि उन पर केस दर्ज किया गया है।