Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 03:54 PM
भोआ वि.स. क्षेत्र के अधीन आते रावी दरिया पर कीड़ी पत्तन से बॉर्डर से सटे लोगों को आर-पार ले जाने वाली नाव खुद रिपेयर के अभाव के चलते अंतिम सांसें ले रही है। इसके बावजूद नाव प्रतिदिन असंख्य मानवीय जिंदगियों का बोझ ढोने को मजबूर है। नाव को जब सवारियों...
पठानकोट/भोआ(शारदा, अरुण): भोआ वि.स. क्षेत्र के अधीन आते रावी दरिया पर कीड़ी पत्तन से बॉर्डर से सटे लोगों को आर-पार ले जाने वाली नाव खुद रिपेयर के अभाव के चलते अंतिम सांसें ले रही है। इसके बावजूद नाव प्रतिदिन असंख्य मानवीय जिंदगियों का बोझ ढोने को मजबूर है। नाव को जब सवारियों से लोड करके एक पत्तन से दूसरे पत्तन पर ले जाया जाता है तो बीच मझधार गुजरते समय नाव में पहले हुए असंख्य छोटे-बड़े छेदों के कारण नाव में पानी भर जाता है।
ऐसे में हर समय इसमें सवार लोगों की जान सांसत व राम भरोसे रहती है। वर्णनीय है कि उक्त नाव दरिया पार करीब 5 दर्जन गांवों की जनता के लिए जीवन रेखा है तथा दरिया पार व सटे गांवों के लिए आने-जाने का शार्टकट साधन है। ऐसे में संलग्र गांवों की जनता आर-पार अपने कार्यों के लिए इसी नाव को पहल देते हैं। वहीं मा. राम लाल, निशू शर्मा, डिम्पी ठाकुर, राजकुमार सिहोड़ा, गौरव महाजन ने जिला प्रशासन व राज्य सरकार से मांग की कि इससे पहले कोई बड़ा हादसा हो व इसमें निर्दोष जानें असमय काल का ग्रास बनें, इस पत्तन पर या तो पक्का पुल शीघ्र बनाया जाए अन्यथा दुरुस्त नाव को इस जर्जर नाव के साथ बदला जाए।