Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 02:43 PM
पंजाब वीरों और वीरांगनाओं की धरती है। यहां के रणबांकुरों के संग वीरांगनओं ने भी अपनी अप्रतिम बहादूरी से देश और समाज कर रक्षा की है।
तरनतारनः पंजाब वीरों और वीरांगनाओं की धरती है। यहां के रणबांकुरों के संग वीरांगनओं ने भी अपनी अप्रतिम बहादूरी से देश और समाज कर रक्षा की है। ऐसी ही शेरनी थीं तरनतारन के गांव अमरकोट की बीबी अमरीक कौर। प्रदेश में जब आतंकवाद चरम पर था तो लोग घरों से बाहर निकलने से डरते थे। उस समय बीबी अमरीक कौर ने हथियारों से लैस होकर आतंकियों का कई घंटे मुकाबला किया और करीब 18 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। पंजाब की इस शेरनी की दहाड़ अब पूरी दुनिया सुनेगी। उनकी शौर्य गाथा फिल्मी परदे पर नजर आएगी।
तरनतारन के गांव अमरकोट निवासी बीबी अमरीक कौर का निधन 31 दिसंबर 2014 को हुआ था, लेकिन उनकी वीरता की कहानी लोगों के दिलों में आज भी जिंदा है। अब उनकी शौर्य गाथा पर फिल्म 'सरदारनी' बन रही है। बॉलीवुड फिल्मों के प्रसिद्ध निर्माता रमन कुमार व सुनील मनचंदा संयुक्त रूप से फिल्म की कहानी लिख रहे हैं। अमरीक गिल और अभिषेक दुधिया फिल्म के निर्देशक होंगे।
बीबी अमरीक कौर की बहू रुपिंदर कौर व पवनप्रीत कौर ने जागरण को बताया कि उन्होंने कई आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। वर्ष 1994 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा था। 'सरदारनी' फिल्म की टीम शूटिंग से पहले उनके परिवार को मिल चुकी है। उनको बीबी जी के जीवन से जुड़ी जानकारी दी गई है। फिल्म निर्माता का परिवार के साथ दो लाख का कांट्रैक्ट हुआ है। परिजनों को 20 हजार की राशि मिल चुकी है।