Edited By Updated: 29 Mar, 2017 03:49 AM
जिला अमृतसर देहाती की पुलिस ने गांव शाम नगर स्थित पदम सेवा केन्द्र पैट्रोल पंप के कारिंदे....
अमृतसर(संजीव): जिला अमृतसर देहाती की पुलिस ने गांव शाम नगर स्थित पदम सेवा केन्द्र पैट्रोल पंप के कारिंदे अनिल पाल को लूट की नीयत से गोली मार कर मौत के घाट उतारने के मामले को सुलझा लिया है, जिसमें पुलिस ने वारदात में शामिल मुख्य आरोपी जशनप्रीत सिंह जशन निवासी साइया खुर्द व उसके साथी नवप्रीत सिंह निवासी मंझविंड गोपालपुर को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि इनका तीसरा साथी मनराज सिंह मन्न निवासी मुरादपुरा अभी पुलिस की पकड़ से दूर चल रहा है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों के कब्जे से वारदात में इस्तेमाल किया गया मोटरसाइकिल बरामद किया है। यह खुलासा एस.पी. हैडक्वार्टर जगजीत सिंह सरोया ने मंगलवार को पत्रकार सम्मेलन के दौरान किया।
उन्होंने बताया कि 23 फरवरी 2017 को थाना मजीठा में बुलीपाल की शिकायत पर पैट्रोल पंप के कारिंदे अनिल पाल की हत्या का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उक्त लुटेरे मोटरसाइकिल में पैट्रोल डलवाने के लिए आए थे। 100 रुपए का तेल डलवाने के उपरांत जब अनिल पाल ने उनसे पैसों की मांग की तो मोटरसाइकिल के पीछे बैठे मनराज सिंह ने उस पर गोली दाग दी थी। पहली गोली मिस हो जाने पर उस पर दूसरी गोली दागी जो उसे चीरती हुई निकल गई थी, वे तीनों मौके से भाग निकले। जब तक अनिल पाल का उपचार हो पाता, वह दम तोड़ गया था।
पुलिस ने उक्त लुटेरों की निशानदेही के लिए कुछ गुप्त टीमें बनाईं और सूचना के आधार पर जशनप्रीत सिंह जशन को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने अपना अपराध कबूल कर लिया, उसकी निशानदेही पर दूसरे साथी को भी दबोच लिया गया। पुलिस ने गिरफ्तार दोनों आरोपियों को माननीय अदालत के निर्देशों पर जांच के लिए पुलिस रिमांड पर लिया है, जबकि इनके तीसरे साथी के गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है।
कैनेडा से वापस लौट कर हुई थी दोस्ती नशा पूर्ति के लिए बनाई थी लूट की योजना
वारदात में शामिल जशनप्रीत सिंह जशन व मनराज सिंह पढ़ाई करने के लिए कैनेडा गए थे। साढ़े 4 वर्ष के उपरांत जशनप्रीत के पिता की मौत हो गई और वह वापस गांव लौट आया। इसी तरह डेढ़ साल की पढ़ाई के उपरांत मनराज सिंह भी कैनेडा छोड़ गांव आ गया जहां दोनों आपस में मिले और दोस्ती हो गई। दोनों नशा करने लगे। पहले तो पैसा होने के कारण नशा खरीदने के लिए गुजारा होता रहा, मगर फिर जब पैसे खत्म हो गए तो उन्होंने लूट की योजना बनाई, जिस पर वे तीनों इकट्ठा हो पैट्रोल पंप पर गए। उनकी कारिंदे के साथ हाथापाई हो गई तो उन्होंने उसे गोली मार मौत के घाट उतार दिया।