Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 02:45 PM
महानगर की सड़कें खूनी हो चुकी हैं जो रोजाना एक से अधिक व्यक्ति की बलि मांगती है। बीते वर्ष 2016 में नगर में हुए 549 सड़क हादसों में 384 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, जिसकी प्रतिशतता प्रति एक लाख मौतों के पीछे 69 फीसदी बनती है जबकि राष्ट्रीय...
लुधियाना(सुरिन्द्र): महानगर की सड़कें खूनी हो चुकी हैं जो रोजाना एक से अधिक व्यक्ति की बलि मांगती है। बीते वर्ष 2016 में नगर में हुए 549 सड़क हादसों में 384 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, जिसकी प्रतिशतता प्रति एक लाख मौतों के पीछे 69 फीसदी बनती है जबकि राष्ट्रीय औसत 28 फीसदी रही। सड़क हादसों में मरने वाले लोगों की औसत संख्या में लुधियाना पूरे देश में पहले स्थान पर है लेकिन इसके उल्ट सड़क हादसों वाले ब्लैक स्पाट्स को खत्म करने के लिए संबंधित विभाग दिलचस्पी नहीं दिखा रहे।
नगर में गलत ट्रैफिक मैनेजमैंट, कटों को बंद करने के गलत ढंग, कमर्शियल वाहनों में स्पीड गवर्नर न लगने व अन्य कमियों के कारण पिछले 3 वर्षों में ही सड़क हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है। वर्ष 2014 में ऐसे 42 ब्लैक स्पाट्स की पहचान की गई, जहां सड़क हादसे होने का अधिक खतरा बना रहता है। इन ब्लैक प्वाइंट्स पर डिजाइन में कमी, रिफलैक्टर व कैट आई की कमी, उचित रोड फर्नीचर न होने तथा कई स्थानों पर स्पीड ब्रेकर न होने की समस्या है। अभी नवम्बर माह में धुंध व धुएं के मिश्रण से बने स्मॉग के कारण जहां राज्य में हुए कई दर्दनाक हादसों में दर्जनों लोग काल का ग्रास बन चुके हैं वहीं दिसम्बर व जनवरी माह में भरपूर सर्दी व कोहरा का सीजन होगा, उस समय सड़क हादसों का खतरा कई गुणा बढ़ जाएगा।
ये हैं महानगर के ब्लैक स्पाट्स
भारत नगर चौक, भाई बाला चौक, जगराओं पुल, पक्खोवाल रोड बी-7 क्रॉसिंग, फुल्लांवाल चौक, वर्धमान चौक, भट्टिया चौक, शिवपुरी चौक, काराबारा चौक, जालंधर बाईपास नजदीक ग्रीनलैंड स्कूल, कोहाड़ा चौक, साहनेवाल पुलिस स्टेशन के सामने, साहनेवाल गेट के सामने, जुगियाणा चौक, ढंडारी पुल, शेरपुर चौक, ताजपुर रोड कट, हार्डी वल्र्ड पुल, लाडोवाल चौक, एम.बी.डी. माल, लोधी क्लब क्रॉसिंग, बाड़ेवाल कट, वेरका चौक, सराभा नगर दीपक अस्पताल कट, पासी चौक पक्खोवाल रोड, दुगरी नहर पुल, गिल नहर पुल, गिल गांव राऊड अबाऊट, आलमगीर चौक, डेहलों, वेरका बूथ डेहलों, विश्वकर्मा चौक, बड़ी हैबोवाल पुल, हंबड़ा रोड नजदीक निर्वाणा क्लब, साऊथ सिटी, रेलवे स्टेशन, ताजपुर रोड नजदीक जेल, माणकवाल गेट, कटानी कलां मोड़, चीमा चौक, ढंडारी रेलवे स्टेशन।
स्पीड गवर्नर को प्रभावी ढंग से लागू न करना भी समस्या
राज्य में अंधाधुंध हो रहे सड़क हादसों के पीछे सरकार में इच्छाशक्ति की कमी होना एक बड़ा कारण सामने आ रहा है। तमाम दावों के बीच सरकार कमॢशयल वाहनों में स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता को प्रभावी ढंग से लागू नहीं करवा पाई है। राज्य में 80 फीसदी से अधिक भारी वाहन बिना स्पीड गवर्नर के ही सड़कों पर मौत के दूत बन कर दौड़ रहे है, जिन पर काबू पाया जाना बेहद जरूरी है।