Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 05:17 AM
यह सच्चाई जानकर शायद आम जनता को हैरानी होगी कि भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) द्वारा करीब 2 से अढ़ाई माह पूर्व जारी की गई करंसी 200 व 50 रुपए के नए नोटों के दीदार तक को जहां लोग तरस रहे हैं, वहीं पर्दे के पीछे उन नोटों की ब्लैक का गोरखधंधा मौजूदा...
लुधियाना(खुराना): यह सच्चाई जानकर शायद आम जनता को हैरानी होगी कि भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) द्वारा करीब 2 से अढ़ाई माह पूर्व जारी की गई करंसी 200 व 50 रुपए के नए नोटों के दीदार तक को जहां लोग तरस रहे हैं, वहीं पर्दे के पीछे उन नोटों की ब्लैक का गोरखधंधा मौजूदा समय में राज्यभर में बड़ी तेजी से फल-फूल रहा है।
200 व 50 के नोट अधिकतर मुनाफाखोरों द्वारा 10 से लेकर 20 फीसदी की अतिरिक्त राशि में ब्लैक में बेचे जा रहे हैं अर्थात 200 रुपए का नोट 220 व 50 का नोट 55 से 60 रुपए में बेचा जा रहा है। नए नोटों की करंसी अभी तक पंजाब एंड सिंध बैंक की करंसी चैस्ट तक में भी नहीं पहुंच पाई है, जिसका नगर में सक्रिय मुनाफाखोर जमकर फायदा उठा रहे हैं और नई करंसी रखने के क्रेजी वर्ग खासकर युवा वर्ग से मनमानी कीमतों पर ब्लैक के साथ बिक्री कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अधिकतर बाजारों में चोरी-छिपे 200 व 50 रुपए के नोटों के हार भी मनमानी कीमतों में खरीदे व बेचे जा रहे हैं, जिनकी डिमांड विवाह-शादियों का सीजन होने के कारण बढ़ गई है।
करंसी से छेड़छाड़ करना आर.बी.आई. के नियमों के खिलाफ
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय किए गए नियमों के मुताबिक किसी भी करंसी के नोट से छेड़छाड़ करना नियमों के खिलाफ है लेकिन बावजूद इसके अधिकतर बाजारों में नए नोटों के हार नोटों पर स्टैपलर पिन लगाकर बेचे जा रहे हैं और करंसी पर पैन द्वारा कई प्रकार के चित्र बनाने सहित ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की फोटो से छेड़छाड़ करने के कई मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं, जबकि नियमों के मुताबिक नोटों की गड्डी बनाने व बांधने के लिए मात्र रबर का इस्तेमाल ही किया जा सकता है।
कैसे और कहां से आ रही नए नोटों की करंसी
अगर बात की जाए 200 व 50 रुपए के नए नोटों की धड़ल्ले से हो रही ब्लैक मार्कीटिंग की तो बताया जा रहा है कि मुनाफाखोरों की टोली उक्त नई करंसी को चंडीगढ़ व दिल्ली के बैंकों व बाजारों से मामूली-सी कमीशन राशि अदा करके यहां पर लाकर मनचाही ब्लैक कीमतों पर बेच रही है। मुनाफाखोरों को उक्त राज्यों में फैले दलाल 200 व 50 रुपए के नोट दो-अढ़ाई प्रतिशत की अतिरिक्त रकम पर मुहैया करवाते हैं, जो यहां के बाजारों तक पहुंचते-पहुंचते 10 से 20 रुपए तक की ब्लैक वसूली का जरिया बन जाते हैं।
दिल्ली व लुधियाना में नोटों की कालाबाजारी का ब्यौरा
दिल्ली में 200 रुपए के नोटों की गड्डी 20,500 रुपए की ब्लैक में मिल रही है, जबकि यही 200 रुपए के नोटों की गड्डी महानगर में 21,500 से लेकर 22,000 रुपए की ब्लैक में बिक रही है। वहीं 50 के नोटों की गड्डी दिल्ली में 5200 रुपए व लुधियाना में 6000 रुपए के करीब ब्लैक आंकड़ा छू रही है। इन बढ़ी कीमतों का असर आम लोगों की इच्छाओं पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है और वे अपनी जेब में 200 व 50 रुपए का नया नोट रखने के लिए कई प्रकार के पापड़ बेल रहे हैं।
आम जनता नई करंसी के प्रति बहुत अधिक क्रेजी है, जिसके बारे में उन्होंने कई बार एस.बी.आई. के अधिकारियों से सम्पर्क भी साधा है लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि अभी 200 व 50 के नए नोटों की करंसी महानगर के बैंकों में कब आएगी।-अनूप सिंह चावला, पंजाब एंड सिंध बैंक