भाजपा कार्यकर्ताओं को भी पार्टी की करारी हार का आभास होने लगा

Edited By Updated: 19 Feb, 2017 08:00 PM

bjp workers led to the impression of the party s crushing defeat

विधानसभा चुनावों के नतीजे चाहे 11 मार्च को आने हैं, परंतु भाजपा की पंजाब लीडरशिप ने अभी ही हार के कारणों पर मंथन शुरू कर दिया है। अब तो भाजपा के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को भी पार्टी की हार का आभास होने लगा है, जिसके चलते कार्यकर्ताओं द्वारा...

जालंधर(खुराना): विधानसभा चुनावों के नतीजे चाहे 11 मार्च को आने हैं, परंतु भाजपा की पंजाब लीडरशिप ने अभी ही हार के कारणों पर मंथन शुरू कर दिया है। अब तो भाजपा के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को भी पार्टी की हार का आभास होने लगा है, जिसके चलते कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी और संघ नेतृत्व को पत्र भेजकर कई फीडबैक दिए गए हैं। पंजाब केसरी को एक ऐसा ही पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ताओं ने रोष व्यक्त करते हुए लिखा  कि प्रदेश नेतृत्व ने किसी भी सीट पर सैकेंड लाइन नेतृत्व तैयार करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

पार्टी के सभी 23 उम्मीदवार अकाली दल से गठबंधन बनाए रखने के इच्छुक थे, जबकि इस मामले में कार्यकर्ताओं का मन नहीं टटोला गया। वर्कर की चाहत थी कि पार्टी इस बार पंजाब में अपने पैरों पर खड़ी हो और सभी 117 सीटों पर सभी वर्गों का साथ लेने का अभियान शुरू हो। उदाहरण के तौर पर भाजपा का किसानों में कोई आधार नहीं। उक्त पत्र में साफ कहा गया है कि इस बार व्यापार और उद्योग जगत तथा प्रापर्टी सैक्टर ने खुलकर अकाली-भाजपा का विरोध किया।

जालंधर, लुधियाना सहित प्रमुख शहरों में उद्योग व व्यापार जगत के बायकाट वाले पोस्टर कई दिन लगे रहे परंतु किसी ने उनसे बैठक तक करने का प्रयास नहीं किया। पिछले 10 सालों दौरान व्यापारियों को किसी सरकारी महकमे में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया।प्रापर्टी डीलर एसो. के प्रधान कुलतार सिंह जोगी ने सरेआम कांग्रेस का समर्थन किया और सभी शहरों में प्रापर्टी कारोबारी कांग्रेस के हक में खुलकर चले। उनको भी नाराज ही रहने दिया गया, जिस कारण चुनावों में सत्तापक्ष विरोधी लहर आंधी में बदल गई। उम्मीदवारों तक ने नाराज वर्गों को मनाने के प्रयास नहीं किए, जिस कारण भाजपा इस बार पंजाब में हाशिए में जाती दिख रही है। अगर पार्टी को पंजाब में खड़ा करना है तो कई आमूल-चूल परिवर्तन करने होंगे और नेतृत्व में बदलाव लाकर नए लोगों तथा नए चेहरों को सामने लाना होगा, क्योंकि लोग पुराने चेहरों को देख-देख कर ऊब चुके हैं।

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