संघ के लिए जरूरी है भाजपा जीते 2019 का चुनाव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Dec, 2017 09:27 AM

bjp is required to win 2019 elections

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) की निर्णय लेने वाली महत्वपूर्ण निकाय प्रतिनिधिसभा की बैठक मार्च 2018 में नागपुर में होने जा रही है

जालंधर (पाहवा): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) की निर्णय लेने वाली महत्वपूर्ण निकाय प्रतिनिधिसभा की बैठक मार्च 2018 में नागपुर में होने जा रही है जहां इस बार संघ के सरकार्यवाह का चुनाव होगा। संघ की इस बार की प्रतिनिधिसभा की बैठक को 2025 में उसके शताब्दी वर्ष को देखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सरसंघ चालक के बाद सरकार्यवाह का पद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद होता है। खास बात यह भी है कि संघ में सरकार्यवाह ही प्रशासनिक और संगठनात्मक तरीके से कामकाज पर नजर रखते हैं। सरसंघचालक अभी मोहन भागवत हैं। सरसंघचालक मनोनीत किए जाते हैं, जबकि सरकार्यवाह का चुनाव होता है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि अगले वर्ष मार्च में संघ की प्रतिनिधिसभा की बैठक होगी। इस बार प्रतिनिधिसभा की बैठक इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें सरकार्यवाह का चुनाव होगा। सरकार्यवाह का कार्यकाल  3  वर्षों  का होता है। 


संघ के सरकार्यवाह अभी भैय्याजी जोशी हैं और उनका कार्यकाल मार्च 2018 में पूरा हो रहा है। ऐसे में प्रतिनिधिसभा में सरकार्यवाह का निर्वाचन होगा। समझा जाता है कि भैय्याजी जोशी इस बारे में यदि अनिच्छा व्यक्त करते हैं तब वरिष्ठता के लिहाज से दत्तात्रेय होसबोले नए सरकार्यवाह हो सकते हैं। इसके साथ ही संघ के अलग-अलग संगठनों में भी फेरबदल होने की संभावना है। इस सबका मकसद संघ के शताब्दी वर्ष यानी 2025 तक संघ का पूरे देश में विस्तार करना है। 


संघ की स्थापना 27 सितम्बर 1925 को नागपुर में हुई थी। इसकी स्थापना केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। संघ का प्रयास अपने शताब्दी वर्ष तक संगठन का विस्तार समूचे देश में करना है। इसके लिए 2019 का लोकसभा चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि इस चुनाव में जीत के बाद 2024 तक केंद्र में भाजपा की सरकार बरकरार रही तो ही संघ का विस्तार पूरे देश में हो पाएगा। पदाधिकारी ने बताया कि इस बैठक में 1400 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे जो नए सरकार्यवाह के चुनाव में हिस्सा लेंगे।

 

उन्होंने हालांकि कहा कि अब तक सर्वसम्मति से ही इनका चयन होता रहा है। बैठक में संगठन के विस्तार के तौर-तरीकों पर भी चर्चा होगी। इसमें कुछ प्रस्ताव भी पारित किए जा सकते हैं। संघ के एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि पिछले 3 सालों में संगठन के विस्तार का एक कार्यक्रम चलाया गया जिस दौरान दैनिक शाखाओं, साप्ताहिक बैठकों और मासिक मंडलियों में इस अवधि में 18 फीसदी वृद्धि हुई। 3 साल पहले 43,000 स्थानों पर ऐसी इकाइयां थीं जिनकी संख्या अब बढ़कर 55,000 हो गई है। संघ का दावा है कि पिछले 10 सालों से संघ का कार्य लगातार बढ़ा है।

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