Edited By Updated: 25 Apr, 2017 12:43 PM
2017 विधान सभा चुनावों में शिरोमणि अकाली दल व भाजपा गठबंधन की हुई हार को देख कर भाजपा के सदस्यों में आने वाली नगर निगम
लुधियाना(कंवलजीत): 2017 विधान सभा चुनावों में शिरोमणि अकाली दल व भाजपा गठबंधन की हुई हार को देख कर भाजपा के सदस्यों में आने वाली नगर निगम चुनावों प्रति शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर लडऩे की चर्चाओं का सिलसिला आम देखने को मिल रहा है। भाजपा सदस्यों के मन की भावनाएं हैं कि जिस तरह विधान सभा चुनावों में सांझे तौर पर चुनाव लड़ कर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है, वैसे ही नगर निगम चुनावों में भी कहीं हार का मुंह न देखना पड़ जाए। इसको स्पष्ट करते हुए शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने भाजपा और अकाली दल के अलग होने की चर्चाओं को साफ मना कर दिया, पर विधान सभा चुनावों में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा की करारी हार को देखकर अकाली दल और भाजपा सदस्यों में निराशा का आलम है।
शिअद गठबंधन की हार का कारण बेअदबी और नशे
2017 की विधान सभा चुनावों में शिरोमणि अकाली दल गठबंधन को करारी हार के कारण पिछले समय धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हुई बेअदबी और पंजाब में फैले नशे के छठे दरिया को लेकर बना है। शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब में अपने 10 साल के कार्यकाल दौरान विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी पर पंजाब वासियों की तरफ ध्यान न देते हुए पंजाब में घटी दिल दुखाने जैसी घटनाओं को लेकर अकाली-भाजपा गठबंधन को सत्ता से बाहर होना पड़ा। विधान सभा चुनावों में शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन की हुई हार के बाद शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के अलग होकर नगर निगम की चुनाव लडऩे पर चर्चाओं के सिलसिले को साफ मना करते हुए भाजपा का जिला प्रधान रविन्द्र अरोड़ा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा का गठबंधन चट्टान की तरह मजबूत है वह कभी भी टूटने वाला नहीं। लेकिन भाजपा सदस्यों की भावनाओं को सुन कर प्रदेश प्रभावी और केंद्र तक पहुंचाना प्रधान का पहला कत्र्तव्य है। प्रधान अरोड़ा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने अपने 10 साल के कार्यकाल दौरान पंजाब में बेहद विकास कार्य करवाए हैं पर पंजाब वासियों के रोष के मुंह देखते हुए अकाली-भाजपा गठबंधन को 2017 में पंजाब में सरकार बनाने का मौका नहीं मिला।
खालिस्तानी हिमायती करार देने पर कैप्टन ने नहीं किया सज्जन सिंह का स्वागत
भाजपा जिला प्रधान रविन्द्र अरोड़ा ने कहा कि कैनेडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन की पंजाब फेरी पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की तरफ से सज्जन सिंह को खालिस्तानी हिमायती करार देते हुए उनका स्वागत नहीं किया, जिसकी हम हिमायत करते हैं पर एक बात साफ कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से पूछना चाहते हैं कि उन्होंने भी खालिस्तानी की तरफ किए गए प्रोग्रामों में हिस्सा लिया था। जिस पर वह अपनी गलती का पछतावा करते हुए पंजाब वासियों से माफी मांगें।
भाजपा सदस्यों में शिअद से अलग होने की भावनाएं कायम
शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर नगर निगम की चुनाव लडऩे प्रति भाजपा के सदस्यों में भावनाएं कायम हैं पर भाजपा के पदाधिकारी इस बात को साफ नहीं कर रहे और भाजपा सदस्यों की भावनाओं को सुन कर भाजपा की हाईकमांड तक पहुंचाने का यत्न कर रहे हैं।