Edited By Updated: 22 Jan, 2017 10:28 AM
राजनीति में कुर्सी के लालच में अबोहर से भाजपा प्रत्याशी अरुण नारंग ने भीम हत्याकांड के आरोपी शिवलाल डोडा के समक्ष घुटने टेक दिए हैं। नारंग ने साथियों सहित शराब व्यवसायी के कार्यालय में जाकर समर्थन की गुहार लगाई है। उससे पार्टी का दलित विरोधी चेहरा...
अबोहर(भारद्वाज): राजनीति में कुर्सी के लालच में अबोहर से भाजपा प्रत्याशी अरुण नारंग ने भीम हत्याकांड के आरोपी शिवलाल डोडा के समक्ष घुटने टेक दिए हैं। नारंग ने साथियों सहित शराब व्यवसायी के कार्यालय में जाकर समर्थन की गुहार लगाई है। उससे पार्टी का दलित विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। यह आरोप दिवंगत भीम टांक की माता व स्वतंत्रता सेनानी तथा पूर्व पार्षद कश्मीरी लाल टांक की पुत्रवधू कौशल्या देवी ने लगाए हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अकाली दल के नेताओं की शह पर चुनाव मैदान में उतरने वाले डोडा का समर्थन हासिल करने के लिए नारंग व जिला भाजपा प्रधान विष्णु भगवान डेलू कायदे-कानून तोड़कर अदालत परिसर में पेशी के दौरान डोडा से मुलाकात करने गए थे। इसकी पुष्टि हो गई है कि उनका एकमात्र लक्ष्य डोडा परिवार और स्थानीय अकाली नेताओं का समर्थन हासिल करना था। कौशल्या ने कहा कि अब यह मानने में कोई संशय बाकी नहीं रहा कि भाजपा द्वारा दलित सम्मेलन का आयोजन और चुनाव घोषणा पत्र में दलित हितैषी होने का दावा महज छलावा था।
भीम टांक की माता कौशल्या देवी ने कहा कि भले ही केन्द्रीय सामाजिक अधिकारिता मंत्री व प्रदेश भाजपा प्रधान विजय सांपला ने टांक परिवार को विश्वास दिलवाया था कि उनकी पार्टी न्याय दिलाने के लिए आखिरी दम तक डटी रहेगी, लेकिन आज चुनाव मैदान में स्वयं को कमजोर महसूस कर रहे भाजपा प्रत्याशी अरुण नारंग व उसके सहयोगी नेताओं ने डोडा परिवार के समक्ष घुटने टेक कर अपनी बदली हुई मानसिकता का स्पष्ट परिचय दे दिया है।
यह था मामला
11 दिसम्बर, 2015 को शराब व्यवसायी व अकाली नेता शिवलाल डोडा के गांव रामसरा स्थित फार्म हाऊस में 27 वर्षीय दलित युवक भीम टांक की बर्बरतापूर्वक हत्या व उसके सहयोगी गुरजंट सिंह जंटा पर कातिलाना हमले की दिल-दहला घटना हुई थी।