Edited By Updated: 21 Jan, 2017 08:58 AM
4 फरवरी को पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर राज्य सभा सांसद श्वेत मलिक ने दावा किया है
अमृतसर (महेन्द्र/ कमल): 4 फरवरी को पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर राज्य सभा सांसद श्वेत मलिक ने दावा किया है कि चुनावों में मौजूदा सरकार के खिलाफ एंटी-इंकम्बैमन्सी वोटिंग का प्रभाव कतई नहीं दिखाई देगा। उसका कारण बताते उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार ने अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में लोगों से किए गए वायदों के अनुरूप शानदार परफार्मैंस दिखाई है। उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व आप के कन्वीनर अरविंद केजरीवाल व उनकी पार्टियों को चुनौती देते कहा कि वे अपने-अपने कार्यकाल के दौरान लोगों से किए गए वायदों के अनुरूप अपनी-अपनी परफार्मैंस तो लोगों के सामने पेश करें।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार व प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व में पंजाब की गठबंधन सरकार की उपलब्धियों को गिनाते कहा कि दोनों सरकारों ने लोगों से किए गए वायदों के अनुरूप ही नहीं, बल्कि उससे भी आगे जाकर जनहित में काम किए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने बड़े-बड़े एतिहासिक कार्य किए हैं। लुधियाना में एस.सी./एस.टी. वर्ग के लिए औद्योगिक हब बनाने की घोषणा के साथ-साथ जन धन, महिलाओं, सैनिकों, युवाओं के लिए कई प्रकार की योजनाएं शुरू की हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में स्किल लेबर का अनुपात मात्र 3.6 प्रतिशत ही रहा है, जबकि नार्वे जैसे देश में स्किल लेबर 86 प्रतिशत है। यही कारण है प्रधानमंत्री स्किल लेबर को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठा रहे हैं, ताकि स्किल लेबर को 96 प्रतिशत तक ले जाया जा सके। कांग्रेस ने अपने शासनकाल में तो एक मैगावट भी बिजली पैदा नहीं की थी, लेकिन गठबंधन सरकार ने अपने कार्यकाल में 3 नए थर्मल प्लांट लगाते हुए 5700 मैगावाट सरप्लस बिजली पैदा करने का श्रेय हासिल किया है। कैप्टन सरकार ने तो एस.सी./एस.टी. वर्ग की गरीब कन्याओं के विवाह पर दी जाने वाली शगुन स्कीम भी बंद कर दी थी, जिसे गठबंधन सरकार ने शुरू कर इसकी राशि 15,000 रुपए तक बढ़ा दी है।