Edited By Updated: 10 Dec, 2016 10:29 AM
नोटबंदी से देशभर की जनता परेशान है। बैंकों और ए.टी.एम. के बाहर घंटों लाइन में लगने के बाद कुछ लोगों को पैसे मिलते हैं तो हजारों लोग पैसा नहीं मिलने के कारण निराश लौटते हैं।
जालंधर: नोटबंदी से देशभर की जनता परेशान है। बैंकों और ए.टी.एम. के बाहर घंटों लाइन में लगने के बाद कुछ लोगों को पैसे मिलते हैं तो हजारों लोग पैसा नहीं मिलने के कारण निराश लौटते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से की गई नोटबंदी को कुछ लोग सही ठहरा रहे हैं तो कुछ गलत। प्रधानमंत्री के फैसले को कितने लोग सही मानते हैं, को लेकर ‘पंजाब केसरी’ ने व्यापक सर्वे करवाया। रात नौ बजे तक 7627 लोगों ने सर्वे में प्रतिक्रिया जताई। 2017 में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। नोटबंदी को लेकर चुनाव पर असर पर पूछे जाने पर 94 फीसदी लोगों ने इसका चुनाव पर व्यापक असर बताया, जबकि मात्र छह फीसदी लोगों का ही कहना था कि इसका चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं 32.73 फीसदी लोग ही इस फैसले को सही मानते हैं, जबकि 63.82 फीसदी लोगों ने इस फैसले को सिरे से गलत बताया और 3.45 फीसदी लोगों ने प्रतिक्रिया नहीं दी। 72.17 फीसदी लोगों ने इसे बड़ी परेशानी बताया। 27.83 फीसदी लोगों ने कहा-कोई परेशानी नहीं हुई।
प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और आर.बी.आई. को जल्दबाजी में यह फैसला नहीं लेना चाहिए था। लोगों की परेशानी को देश ही नहीं विदेश में बैठे लोग भी देख रहे हैं नोटबंदी से पहले जनता को अवेयर किया जाना चाहिए था 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने से पहले इनकी छपाई हो जानी चाहिए थी ताकि बैंकों में नोट बदलने को लेकर परेशानियां खड़ी नहीं होतीं। नोट का साइज वही रहना चाहिए था ताकि ए.टी.एम. पर परेशानी नहीं होती नोट का साइज बदल जाने से कई ए.टी.एम. बेकार पड़े हैं। बैंकों में छोटी करंसी उपलब्ध करवाई जाए।
लोगों को परेशानी
पंजाब में दो जगह जिंदगी की सांस टूटी।
बेटियों की शादियों पर लाचार बाप बैंकों में धक्के खाते दिखे।
कई स्कूलों ने एडवांस में मांगे 3-3 महीने की फीस।
सबसे बड़ी दिक्कत बुजुर्गों और बच्चों के साथ लाइनों में लगी महिलाओं को।
तड़के भी लाइनों में लगकर देखा, काऊंटर तक पहुंचे तो कैश खत्म।