Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Oct, 2017 05:19 PM
एंटी टैरेरिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिन्द्रजीत बिट्टा के बुधवार को पूर्व अकाली नेता मदन लाल बग्गा के घर आने को लेकर नई सियासी चर्चा छिड़ गई है।
लुधियाना(हितेश): एंटी टैरेरिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिन्द्रजीत बिट्टा के बुधवार को पूर्व अकाली नेता मदन लाल बग्गा के घर आने को लेकर नई सियासी चर्चा छिड़ गई है।बग्गा को अकाली सरकार के 10 साल दौरान सुखबीर बादल के सबसे करीबी के रूप में देखा गया था। लेकिन विधानसभा चुनावों से पूर्व राज्यमंत्री का पद त्यागकर उन्होंने आजाद चुनाव लडऩे का फैसला किया।
अब बग्गा की अकाली दल में वापसी या कांग्रेस में जाने की अटकलें भी चल रही हैं। इसी बीच बिट्टा के उनके घर आने से सियासी गलियारों में हलचल मच गई कि क्या दिल्ली लेवल पर यह कोई खिचड़ी पक रही है या दोनों मिलकर कोई नई पारी शुरू करने जा रहे हैं। इस मौके पर डिंपल राणा, कृष्ण खरबंदा, अनिल शर्मा, बिट्टू भनोट, सुरेश अरोड़ा, नरिन्द्र नारंग, सुरजीत सिंह काली, दलविन्द्र घुम्मण, बब्बू छाबड़ा, अमरजीत मनोचा, जसपाल ढल्ल, कुलवंत सिंह, लक्की चावला, अमन गग्गा, अशोक मनोचा, तजिन्द्र भूप्पी, रिंकू ढींगड़ा, राजू चावला, मंगा खेड़ा, शाम चितकारा, अनिल खेतरपाल, प्रवीण चितकारा, रवि कपूर, शलभ नारंग, भरत दुआ, अजय मल्होत्रा, गगी खुराना, गौरव बग्गा, संजीव मेहमी, सुरिन्द्र राणा, राजीव तांगड़ी, हन्नी तुल्ली व रजत खेतरपाल उपस्थित थे।
उधर, बग्गा ने बिट्टा के आने के सियासी मायने निकालने से साफ इंकार करते हुए कहा कि वह उनके छोटे भाई राकेश कुमार हैप्पी के निधन पर शोक व्यक्त करने आए थे। इसके अलावा बिट्टा के उसके पिता चौधरी रामधन व बड़े भाई स्व. अशोक खुराना के साथ काफी गहरे संबंध रहे हैं।