Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Sep, 2017 12:05 PM
नगर निगम में जन्म-मृत्यु विभाग की कार्यप्रणाली हमेशा निशाने पर रही है। इसको लेकर मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी इस पर निशाना साध चुके हैं। शुरू में अधिकारियों को शक अपने ही.......
अमृतसर (रमन): नगर निगम में जन्म-मृत्यु विभाग की कार्यप्रणाली हमेशा निशाने पर रही है। इसको लेकर मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी इस पर निशाना साध चुके हैं। शुरू में अधिकारियों को शक अपने ही स्टाफ पर था कि उनके स्टाफ की मिलीभगत है जिस पर सारा स्टाफ बदल दिया गया लेकिन अब फिर सर्टीफिकेट का गोरख-धंधा जोर-शोर पर चल रहा है।
वीरवार को सुपरिंटैंडैंट जन्म-मृत्यु विभाग प्रदीप कुमार को सूचना मिली की रणजीत एवेन्यू सेवा केन्द्र से खाली सर्टीफिकेट पड़े हैं जिस पर सुपरिंटैंडैंट ने विकास कुमार, सन्नी जरियाल एवं सेवादार बलवंत सिंह के साथ सेवा केन्द्र में छापा मारा जहां पर उन्हेें मृत्यु के 39, जन्म के 13 खाली सर्टीफिकेट मिले। उन्होंने वहां पर पूछताछ की पर उनको कोई संतोषजनक नहीं मिला। सेवा केन्द्र के अधिकारियों ने कहा कि वे डाक द्वारा गलती से आ गए हैं लेकिन निगम अधिकारियों को मानना है कि सर्टीफिकेट गलती से भी नहीं जा सकते हैं।
जहां पर सर्टीफिकेट होते हैं वहां पर सेवा केन्द्र के कर्मचारी जाते ही नहीं हैं, गलती से एक सर्टीफिकेट आ सकता है न कि जन्म और मृत्यु के दोनों सर्टीफिकेट। निगम दफ्तर में दलालों का आना-जाना बंद है, उन्होंने सेवा केन्द्रों में पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। पिछली सरकार का मानना था कि सेवा केन्द्रों में जन्म-मृत्युु के सर्टीफिकेट अप्लाई होने पर दलाली समाप्त हो जाएगी, लेकिन यह दलाल अब सेवा केन्द्रों में आने शुरू हो गए हैं।
इनको कई बार मेयर, कमिश्नर ने नियंत्रित करना चाहा लेकिन कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। सेवा केन्द्रों में यह सुविधा आने पर अब लोगों ने सीधे केन्द्रों में अप्लाई करना शुरू कर दिया है लेकिन खाली सर्टीफिकेट सेवा केन्द्र में मिलने नगर निगम अधिकारियों को भी परेशानी में डाल रहा है। जन्म-मृत्यु विभाग ने ज्वाइंट कमिश्नर सौरभ अरोड़ा को इस की रिपोर्ट बना कर दे दी है, अब ज्वाइंट कमिश्नर द्वारा इसकी जांच की जाएगी।
सिद्धू के निशाने पर जन्म-मृत्यु विभाग
सिद्धू जब मंत्री बनकर पहली बार शहर पहुंचे थे तो उन्होंने सीधा निशाना जन्म-मृत्यु विभाग पर साधा था। उन्होंने कहा था कि अब लोगों को लुटने नहीं दिया जाएगा। सिद्धू ने कमिश्नर नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द सारा रिकार्ड ऑन लाइन किया जाए। निगम कमिश्नर ने इसके अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। मंत्री सिद्धू के अपने मंत्रालय का यह विभाग है अत: इस विभाग में होने वाली कोताही वह सहन नहीं करेंगे। सेवा केन्द्र में खाली सर्टीफिकेट मिलने पर निगम अधिकारियों के साथ-साथ सेवा केन्द्र के अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है।
आखिर कब रुकेगा फर्जी सर्टीफिकेट का गोरख-धंधा
गिरोह के पास फर्जी सर्टीफिकेट, प्रिंटर, मोहरें खुद की बनाई हुई हैं एवं अधिकारियों के हस्ताक्षर भी खुद कर लेते हैं। सरकारी फर्जी सर्टीफिकेट बनाना कानूनी जुर्म है लेकिन यह गिरोह पकड़ से बाहर है। कई सालों से यह गिरोह लोगों को लूट रहा है लेकिन अभी तक कोई इसे पकड़ नहीं पाया क्योंकि जो भी जांच करता है, वे उस तक अपनी पहुंच बना लेते हैं और जांच को दबवा देते हैं। निगम में हर व्यक्ति यह ही पूछता है कि आखिर कब रुकेगा फर्जी सर्टीफिकेट का गोरख-धंधा। अब तो खाली सर्टीफिकेट सेवा केन्द्रों में भी बरामद होने शुरू हो गए हैं।
एजैंट बंटी अभी भी पकड़ से दूर
3-4 माह पहले नगर निगम में एक महिला द्वारा शिकायत दी गई थी कि बंटी नामक व्यक्ति ने फर्जी सर्टीफिकेट बनाकर उससे पैसे ऐंठे हैं। उसने लिखित में शिकायत में उक्त एजैंट के मोबाइल नंबर एवं उसका ठिकाना भी बताया था। लोकल रजिस्ट्रार डा. नवजोत कौर ने पुलिस को लिखित में शिकायत दी थी लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। हालांकि पता लगा है कि पुलिस को उक्त एजैंट के घर एवं सभी ठिकानों का पता है लेकिन वह कुछ नहीं कर रही है, विभाग द्वारा भी कोई पड़ताल नहीं की गई है सिर्फ थाने में केस दर्ज हुआ है पर अभी भी बंटी पकड़ से दूर है।