Edited By Updated: 25 Nov, 2016 11:36 PM
एक तरफ आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक वीरवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरैंस का भाषण दे रहे थे और दूस...
चंडीगढ़(रमनजीत): एक तरफ आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक वीरवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरैंस का भाषण दे रहे थे और दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी का ही भोआ से ‘घोषित’ उम्मीदवार डा. विनोद कुमार पार्टी नेताओं पर ‘भ्रष्ट’ होने का आरोप जड़ रहा था।
हालांकि ऐसे आरोप ‘आप’ नेताओं पर पहले भी लगे हैं लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग थी क्योंकि इन आरोपों को ‘टिकट न मिलने की निराशा’ कहकर टाला नहीं जा सकता था। हालांकि पार्टी की तरफ से डा. विनोद कुमार के आरोपों के बदले प्रत्याशी ही बदल दिया गया और आरोपों को बेबुनियाद व सबूत नहीं होने का तर्क देते हुए नकार दिया लेकिन पार्टी द्वारा चंद घंटों में ही प्रत्याशी बदलने की कार्रवाई ने ‘प्रत्याशी चयन प्रक्रिया’ पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भोआ के डा. विनोद कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों पर हालांकि पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी संजय सिंह ने बड़े सख्त लहजे में खुद को पाक-साफ करार देते हुए आरोप साबित होने पर राजनीति छोडऩे की बात कही है और स्पष्ट किया है कि पार्टी भोआ सीट पर उनके चुनाव प्रचार से संतुष्ट नहीं थी तथा उन्हें बदलने की कार्रवाई कई दिनों से चल रही थी। पार्टी के इस स्पष्टीकरण के बावजूद इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है कि पंजाब में ‘आप’ का स्टेट से लेकर ब्लॉक स्तर तक का संगठनात्मक ढांचा है और पार्टी प्रोग्राम इसी के जरिए कंट्रोल हो रहे हैं तो प्रचार का जिम्मा अकेले कैंडीडेट का कैसा हो सकता है। इसमें भोआ या किसी भी अन्य विधानसभा क्षेत्र की पूरी टीम शामिल क्यों नहीं है। इन चीजों को लेकर पार्टी को आने वाले दिनों में जवाब देने चाहिएं।
वहीं पार्टी नेताओं पर एक करोड़ रुपए मांगने के आरोप लगने के कुछ ही घंटों में भोआ से प्रत्याशी बदलने ने भी ‘प्रक्रिया’ पर सवाल खड़ा किया है। हालांकि आम आदमी पार्टी प्रत्याशी चयन में कई स्तर की चयन प्रक्रिया का दावा करती रही है और अंतिम मुहर पी.ए.सी. द्वारा लगाए जाने की बात कहती रही है लेकिन भोआ से नए प्रत्याशी का फैसला किस तरह से और किन-किन चरणों के जरिए हुआ, अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। पार्टी नेता संजय सिंह द्वारा हालांकि यह दावा किया गया था कि नए प्रत्याशी का नाम पी.ए.सी. ने क्लीयर किया है लेकिन यह नहीं बताया गया कि बैठक कहां और कब हुई।