Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 10:30 AM
पंजाब की कैप्टन सरकार बैंस बंधुओं और सुखपाल खैहरा के खिलाफ तो प्रस्ताव विधानसभा में ले आई लेकिन किसानों के कर्ज माफी,बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने, शगुन और दूसरी भलाई स्कीमों के प्रस्ताव कब विधानसभा में लेकर आएंगे।
संगरूरः पंजाब की कैप्टन सरकार बैंस बंधुओं और सुखपाल खैहरा के खिलाफ तो प्रस्ताव विधानसभा में ले आई लेकिन किसानों के कर्ज माफी,बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने, शगुन और दूसरी भलाई स्कीमों के प्रस्ताव कब विधानसभा में लेकर आएंगे।
दरअसल सरकार बदला लेने वाली नीति के तहत और राजनीतिक मंच के तौर पर विधानसभा का प्रयोग कर रही है जोकि लोकतंत्र के लिए घातक है। यह आरोप संगरूर से आप के सांसद भगवंत मान ने लगाए। मान लोगों की मुश्किलें सुनने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने मांग की कि ड्रग माफिया में शामिल बड़े-बड़े लोगों के खिलाफ भी कैप्टन साहिब को प्रस्ताव जरुर लाने चाहिए।
इस मौके मीडिया से बात करते हुए भगवंत मान पंजाब की कैप्टन सरकार पर खूब बरसे और अकालियों पर भी निशाना साधने से नहीं चुके। भगवंत मान ने कहा कि जिस तरह से सुखपाल खैहरा के मामले में विधानसभा में बिना विचार चर्चा के प्रस्ताव लाया गया उससे अब साफ हो चूका है कि कांग्रेसी-अकाली इकट्ठे है। किसी को बिना बताए अचानक प्रस्ताव लाया गया जिसका कांग्रेसी विधायक तक को भी पता नहीं था। उन्होंने कैप्टन सरकार से सवाल किया कि जिस तरह से वे खैहरा और बैंस ब्रदर्स के खिलाफ प्रस्ताव लाए उस तरह से पंजाब के किसानों का कर्ज माफ करने , बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने और पंजाब में बंद पड़ी भलाई स्कीमो के मामले में प्रस्ताव क्यों नहीं लाए? उन्होंने आरोप लगाया कि बदला लेने वाली नीति के तहत सियासी रंजिशे निकालने के लिए विधानसभा का प्रयोग किया जा रहा है जोकि लोकतंत्र के लिए बुरी है। भगवंत मान ने कहा कि सरकार को सबसे पहले नशा माफिया में शामिल बड़े लोगो के खिलाफ प्रस्ताव लाना चाहिए।
भगवंत मान ने एस.जी.पी.सी. का गोबिंद सिंह लोंगोवाल को प्रधान बनाए जाने और उनकी प्रधानगी पर उठ रहे सवाल के बारे में पूछने पर कहा कि एक तरफ तो शिरोमणि अकाली दल खुद को राजनीतिक पार्टी बताती है, दूसरी तरफ उसी की जेब से जत्थेदार निकलते है। अकाली दल धर्म को निजी स्वार्थ के लिए प्रयोग करता है।
भगवंत मान ने विदेशो में पैसे कमाने जाने वाले पंजाबियों के बारे में खुलासा किया कि उन्हें हर दिन 50 से 60 ऐसे पंजाबी सम्पर्क कर रहे है जो गए तो थे पैसा कमाने लेकिन एजैंट के चक्कर में विदेशो में जा फंसे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार ऐसे लोगों को फंसाने वाले लोगो के खिलाफ सख्त रुख क्यों नहीं अपनाती है ?