Edited By Updated: 14 Jan, 2017 03:01 PM
आम आदमी पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी ठोंकने वाले भगवंत मान ने कहा कि वह राज्य के ‘दुख मंत्री’ बनना चाहते हैं और पूरे पंजाब के दुख अपने अंदर समेट लेना चाहते हैं।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी ठोंकने वाले भगवंत मान ने कहा कि वह राज्य के ‘दुख मंत्री’ बनना चाहते हैं और पूरे पंजाब के दुख अपने अंदर समेट लेना चाहते हैं। ‘पंजाब केसरी’ के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी में कुर्सी को लेकर कोई विवाद नहीं है और पार्टी जिसे चाहे जिम्मेदारी दे सकती है।
जब मान से पूछा गया कि यदि पार्टी जरनैल सिंह अथवा एच.एस. फूलका के नाम को बतौर सी.एम. चेहरा आगे करती है तो क्या उन्हें मंजूर होगा तो भगवंत ने कहा कि मैं किसी का नाम नहीं लूंगा लेकिन पार्टी की तरफ से ‘दुख मंत्री’ बनने को तैयार हूं।
जूता प्रकरण की निंदा, अकाली दल को बताया हिंसक
भगवंत मान ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर जूता फैंकने की घटना की ङ्क्षनदा की। उन्होंने कहा कि जनता 4 फरवरी को अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल करे और हिंसा को बढ़ावा न दे। मान ने कहा कि अकाली दल आम आदमी पार्टी को हिंसक पार्टी बता रहा है जबकि अकाली दल खुद हिंसक है, उसके अपने संसदीय सचिव रहे विरसा सिंह वल्टोहा सदन में कह चुके हैं कि वह आतंकवादी थे, हैं और रहेंगे। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री सिकंदर सिंह मलूका द्वारा पुलिस कर्मचारी को निकाली गई गालियां और मारपीट के किस्से को भी पंजाब भूला नहीं है।
वहीं पंजाब के सी.एम. उम्मीदवार को लेकर 24 घंटे के भीतर ही ‘आप’ नेताओं ने पलटी मारते हुए डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू कर दी है। मंगलवार को पार्टी के नम्बर 2 के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के बयान को खारिज करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के कन्वीनर अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट किया है कि चुनाव पंजाब में हैं, लिहाजा आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री भी पंजाब से ही बनेगा न कि पाकिस्तान का।
क्यों लिया यू-टर्न?
अरविंद केजरीवाल के पंजाब का सी.एम. न बनने के बयान को डैमेज कंट्रोल के चलते राजनीतिक यू-टर्न के तौर पर देखा जा रहा है। सी.एम. की इस टिप्पणी को पार्टी के नेता और वॉलंटियर्स सोशल मीडिया पर जमकर शेयर कर रहे हैं। उधर बचाव में आप नेताओं ने यह भी कहा कि क्या उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। वहां पर भी मोदी के नाम पर भाजपा वोट मांग रही है। उसी तरह केजरीवाल ने कहा कि वायदे पूरे करने की जिम्मेदारी उनकी है।राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पंजाब में सी.एम. कैंडीडेट घोषित नहीं करना ‘आप’ की रणनीति है। बयान के बाद कैसी प्रतिक्रिया होती है यह जानने के लिए ही सिसौदिया ने टिप्पणी की थी। बताया जा रहा है कि इसकी जानकारी अरविंद केजरीवाल को भी थी।