Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 03:19 PM
गुरु नानकपुरा रेलवे फाटक के नजदीक पंजाब पुलिस के कांस्टेबलकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली। महिला की पहचान सुखमनप्रीत (28) के रूप में हुई है।
जालंध(महेश) : ससुराल वालों से दुखी होकर 4 साल के बेटे के जन्म दिन से एक दिन पहले पंजाब पुलिस के कांस्टेबल की पत्नी ने सोमवार को तड़के करीब 4 बजे गुरु नानकपुरा रेलवे फाटक के नजदीक जालंधर से दिल्ली जाने वाली सुपर फास्ट (इंटर सिटी एक्सप्रैस) नं. 14682 ट्रेन के आगे छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।
मृतका की पहचान सुखमनप्रीत कौर (25) पत्नी मनजिन्द्र सिंह निवासी भारत नगर, गुरु नानकपुरा वैस्ट (चौगिट्टी) के रूप में हुई है। उक्त हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे सिटी जी.आर.पी. थाना के एडीशनल एस.एच.ओ. मुझैल राम ने शव कब्जे में लेकर जांच शुरू की। पोस्टमार्टम करवाने के बाद रेलवे पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया है।
4 साल के मासूम का कौन बनेगा सहारा
एक पल भी अपने बच्चे के बिना न रहने वाली सुखमनप्रीत कौर की मौत के बाद उसका सहारा कौन बनेगा, यह सवाल हर किसी की आंखों और चेहरे पर दिखाई दे रहा था। मृतका सुखमनप्रीत के पड़ोस में रहते लोग भी इस बात को लेकर काफी ङ्क्षचतित थे क्योंकि वह अक्सर गुरशब्द के साथ खेलते रहते थे। गुरशब्द की मां दुनिया छोड़ गई है। दादी पहले ही नहीं थी। पिता मनजिन्द्र सिंह व दादा मलकीत सिंह को जेल की सजा होनी तय है। पता चला है कि आज गुरशब्द को उसके नाना और मामा अपने साथ ले गए, जिनका कहना है कि वह उसे अपने पास ही रखेंगे और उसे सुखमन के रूप में महसूस करते रहेंगे। उनका कहना था कि वह अपनी बेटी की इस निशानी को उसकी मौत के जिम्मेदार लोगों के पास किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।
कांस्टेबल पति व ए.एस.आई. ससुर गिरफ्तार
खुदकुशी करने के लिए मजबूर करने को लेकर थाना जी.आर.पी. सिटी ने मृतका सुखमनप्रीत कौर के पिता तरनतारन निवासी सकत्तर सिंह हैड कांस्टेबल पंजाब पुलिस के बयानों पर मृतका के पति मनजिन्द्र सिंह कांस्टेबल, ससुर मलकीत सिंह ए.एस.आई., जेठ गुरइकबाल सिंह व जेठानी मनदीप कौर निवासी भारत नगर के खिलाफ 304-बी व 34 आई.पी.सी. के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने ससुर मलकीत सिंह व पति मनजिन्द्र सिंह को गिरफ्तार भी कर लिया है, जिन्हें कल अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड हासिल किया जाएगा। चारों आरोपियों पर मामला दर्ज किए जाने व 2 को गिरफ्तार कर लेने संबंधी रेलवे पुलिस ने पुष्टि देर शाम को की।
शव देख कर भी मौत पर नहीं हो रहा था यकीन
मृतका केे मायके वालों को सामने पड़े बेटी के शव को देखकर भी उसकी मौत पर यकीन नहीं हो रहा था। उनका मानना था कि जो बेटी कुछ घंटे पहले ही उनसे फोन पर खुशी-खुशी बात कर रही थी, वह उन्हें हमेशा के लिए कैसे छोड़ कर जा सकती है। मृतका की मां ने कहा कि उसकी बेटी बहुत दलेर थी। उसने कहा कि वह कभी सोच भी नहीं सकते कि वह सुसाइड भी कर सकती है। उसके सुसाइड करने के पीछे जरूर कोई बड़ा कारण रहा होगा, जिसके चलते उसने बिना कुछ सोचे यह कदम उठा लिया।
कम्प्यूटर टीचर थी सुखमनप्रीत
कांस्टेबल मनजिन्द्र सिंह की पत्नी मृतका सुखमनप्रीत कौर काफी पढ़ी-लिखी थी। वह एक प्राइवेट स्कूल में बतौर कम्प्यूटर टीचर जॉब भी कर रही थी। जॉब के साथ-साथ वह ससुराल घर में भी अपनी जिम्मेदारी को बाखूबी निभाती थी। मोहल्ला निवासियों से पता चला है कि रविवार की रात को मृतका ने अपनी जेठानी के हुए बेटे को लेकर लोगों में लड्डू भी बांटे थे।
गुरशब्द के जन्म दिन की खुशियां हुई गमगीन
मृतका के 23 साल के छोटे भाई जितेन्द्रपाल सिंह ने कहा कि उनके घर में उसके भांजे गुरशब्द के जन्मदिन को लेकर खासी खुशी थी। रविवार की रात को उसके अलावा उसकी मां और पिता सकत्तर सिंह ने सुखमनप्रीत से काफी बातें भी की थीं। इस दौरान उसकी बातों में सिवाय खुशी के उनको और कुछ नहीं दिखाई दिया। उसने बताया कि वह गुरशब्द के जन्मदिन समारोह में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे।
छोटी कार रास नहीं आई तो बड़ी के लिए पैसे दिए
मृतका सुखमनप्रीत कौर के पिता सकत्तर सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने दामाद मनजिन्द्र सिंह व उसके पिता मलकीत सिंह की मांग पर उन्हें आल्टो कार लेकर दी थी जोकि उन्हें रास नहीं आई तो उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि उन्हें छोटी नहीं बड़ी कार चाहिए। यह कह कर उन्होंने आल्टो कार उन्हें लौटा दी, जिसके बाद उन्होंने अपनी बेटी के ससुराल वालों को बड़ी कार खरीदने के लिए पैसे भी दे दिए। इसके बावजूद उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, जिसके चलते वह उनकी बेटी को अक्सर तंग करते रहते थे। सकत्तर सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी साल 2012 में मनजिन्द्र से की थी। 2013 में गुरशब्द का जन्म हुआ जोकि 7 नवम्बर को 4 साल का होने वाला था।
बाप-बेटे ने ट्रैक से शव उठाने का भी किया प्रयास
सुखमनप्रीत कौर जब तड़के घर से निकली तो उसके पति व ससुर ने उसका पीछा किया। गेटमैन के मुताबिक दोनों एक्टिवा पर सवार थे। सुखमनप्रीत जब ट्रेन की चपेट में आ चुकी थी तो दोनों ने उसके शव को ट्रैक से बाहर निकालने का भी प्रयास किया लेकिन ट्रैक के साथ-साथ रात के समय गश्त करने वाले गेटमैन ने मौके पर पहुंच कर उन्हें ऐसा करने से रोक दिया और हादसे की सूचना सिटी रेलवे पुलिस को दी। मृतका के पति व ससुर की कोशिश थी कि वह सुखमनप्रीत के शव को अगर यहां से उठाकर ले जाते हैं तो किसी को उसके ट्रेन के नीचे आने का शक जाहिर नहीं होगा लेकिन दोनों अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए।