Edited By Updated: 23 Mar, 2017 11:55 AM
हलका विधायक व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने अपने बीते 5 साल के शासनकाल के दौरान जहां ग्रामीण व शहरी इलाके में 1100 करोड़ की लागत से कई विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी, वहीं उनके ड्रीम प्रोजैक्टों में से एक रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण से पूर्व...
जलालाबाद(गुलशन): हलका विधायक व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने अपने बीते 5 साल के शासनकाल के दौरान जहां ग्रामीण व शहरी इलाके में 1100 करोड़ की लागत से कई विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी, वहीं उनके ड्रीम प्रोजैक्टों में से एक रेलवे फ्लाईओवर के निर्माण से पूर्व ही विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। रेलवे फ्लाईओवर को सुखबीर सिंह बादल का ड्रीम प्रोजैक्ट इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मानते हैं कि केन्द्र से इस प्रोजैक्ट की मंजूरी लाने के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री ने खासी मेहनत की। इसके चलते जलालाबाद हलके को यह फ्लाईओवर का प्रोजैक्ट नसीब हो पाया। पर अभी तक इस प्रोजैक्ट पर विधिवत काम शुरू नहीं हो पाया है उससे पहले ही ब्रिज के निर्माण की सूरत में संबंधित दुकानदारों ने माननीय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में शरण लेकर निर्माण कार्य बंद करवाने की चेतावनी तक दे डाली है।
फ्लाईओवर के निर्माण में करीब 35 करोड़ रुपए होंगे खर्च
लोक निर्माण विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार फ्लाईओवर के निर्माण में करीब 35 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। करीब 1 कि.मी. तक लंबे बनने वाले इस फ्लाईओवर का निर्माण एक माह के भीतर शुरू कर दिया जाएगा । करीब 2 वर्ष में इस काम को मुकम्मल कर लिया जाएगा। इस प्रोजैक्ट के मुकम्मल होने से मुक्तसर रोड पर स्थित बने रेलवे फाटक पर लगने वाले जाम से शहर निवासियों को निजात मिल सकेगी। फ्लाईओवर भारतीय खाद्य निगम के मुख्य डिपो के समक्ष शुरू होकर भाई महासिंह स्कूल तक बनाया जाएगा।
फ्लाईओवर बनने की सूरत में लेंगे न्यायालय का सहारा
क्तसर सर्कुलर मार्ग के निवासी दुकानदार विकास ड्मडा, अशोक कुमार, विक्रम चौहान, मुखत्यार सिंह, मंगल सिंह, सोनू, संधू, संदीप ड्मडा, रवि मुंजाल, प्रेम चौहान, बलविन्द्र सिंह, जगदीश बजाज व अन्य गण्यमान्यों ने बताया कि वे सभी दुकानदार हैं। अगर यहां पर फ्लाईओवर बनता है तो इससे उनका व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित होकर रह जाएगा। इसके अलावा एफ.सी.आई. डिपो के समक्ष शुरू होने वाले इस फ्लाईओवर के चलते आरा रोड जहां पर स्कूल व शहर को जोडऩे वाले कई मुख्य चौक पड़ते हैं, पर आवागमन भी पूरी तरह से प्रभावित होगा जिसका सीधा असर ट्रैफिक व्यवस्था पर पड़ेगा और लोगों को परेशानियां उठानी पड़ेंगी। इस प्रकार यह फ्लाईओवर लोगों के लिए सुविधा कम दुविधा ज्यादा बनेगा।
प्रोजैक्ट वापस जाता है तो दोबारा कभी वापस नहीं मिलेगा
वरिष्ठ कार्यकारी अभियंता लोक निर्माण विभाग कोटकपूरा अंग्रेज सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार का यह फ्लाईओवर प्रोजैक्ट आम जनता की सुविधा के लिए है । यह आम जनता की प्रापर्टी है। सुविधा उठाने के लिए लोगों को कुछ असुविधा का सामना करना पड़ेगा। फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान कुछ दुकानों में 2 से लेकर अढ़ाई मीटर तक जगह लेने के लिए दुकानों का कुछ हिस्सा ध्वस्त किया जाना है जिसके लिए विभाग संबंधित दुकानदार को मार्कीट रेट के अनुसार मुआवजे के तौर पर पैसे देकर बनता नुक्सान भी अदा करेगा। केन्द्र सरकार के ऐसे प्रोजैक्ट बड़ी मुश्किल से मिलते हैं और अगर शहर निवासियों के विरोध के कारण उक्त प्रोजैक्ट वापस जाता है तो दोबारा कभी वापस नहीं मिलेगा।
अंडरब्रिज बनाने की उठने लगी मांग
फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर जहां दुकानदार व शहर निवासी विरोध जता रहे हैं, वहीं लोगों का कहना है कि फ्लाईओवर की बजाय अगर महानगरों की तर्ज पर यहां पर अंडरब्रिज बनाया जाए तो इससे दुकानदारों का नुक्सान भी नहीं होगा व लोगों को सुविधा भी मिल सकेगी। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि अंडरब्रिज से बड़े वाहनों का आवागमन प्रभावित होगा इसलिए यहां फ्लाईओवर मंजूर किया गया है।