Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Sep, 2017 12:01 PM
गत 4 वर्ष की तरह इस साल भी पंजाब भर के डैंटल कालेजों में बी.डी.एस. की कई सीटें खाली रह गई हैं। सरकार की हिदायतों के अनुसार बाबा फरीद मैडीकल यूनिवर्सिटी की तरफ से दाखिले......
फरीदकोट(हाली): गत 4 वर्ष की तरह इस साल भी पंजाब भर के डैंटल कालेजों में बी.डी.एस. की कई सीटें खाली रह गई हैं। सरकार की हिदायतों के अनुसार बाबा फरीद मैडीकल यूनिवर्सिटी की तरफ से दाखिले को लेकर काऊंसलिंग की प्रक्रिया मुकम्मल की जा चुकी है और प्रक्रिया पूरी होने के बाद विद्यार्थियों का मोह भंग होने के कारण पंजाब में बी.डी.एस. की कुल 1130 सीटों में से 9 कालेजों की 275 सीटों पर किसी विद्यार्थी ने दाखिला नहीं लिया।
पंजाब में पिछले चार साल में बी.डी.एस. की सीटें खाली रह रही हैं। हालांकि इस साल न सिर्फ डैंटल कालेजों ने फीसों में भारी छूट दी थी, बल्कि सरकार ने भी दाखिले के मापदंडों में राहत देते हुए देश भर के विद्यार्थियों को दाखिले का खुला निमंत्रण दिया था। इसके बावजूद सीटें खाली रह गई हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार की ओर से इन विद्यार्थियों को नौकरी नहीं मिलने के कारण यह स्थिति बनी है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार 2 सरकारी डैंटल कालेजों समेत राज्य भर के सिर्फ 4 डैंटल कालेज ही अपनी सभी सीटें भर पाए हैं, जबकि मैडीकल यूनिवर्सिटी बठिंडा की 100 में से 70 और देश भगत डैंटल कालेज मंडी गोबिंदगढ़ की 100 में से 90 सीटें खाली रह गई हैं। पिछले साल भी राज्य भर के विभिन्न डैंटल कालेजों में 543 सीटें खाली रह गई थीं। इसी तरह साल 2015-16 सैशन के दौरान भी 540 सीटें खाली रह गई थीं। राज्य के दोनों सरकारी कालेजों में सभी सीटें सरकारी कोटे की होती हैं। निजी कालेजों में 50 फीसदी सीटें मैनेजमैंट कोटे के तहत भरी जाती हैं।