Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 09:12 AM
मकसूदां सब्जी मंडी में चल रहा फड़ी विवाद नार्थ विधानसभा हलके के विधायक बावा हैनरी को तगड़ा झटका दे सकता है। विधायक हैनरी की अकड़ आने वाले नगर निगम चुनावों में कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकती है। दरअसल मकसूदां फड़ी विवाद को आग देकर उन्होंने बैठे-बिठाए...
जालंधर(रविंदर): मकसूदां सब्जी मंडी में चल रहा फड़ी विवाद नार्थ विधानसभा हलके के विधायक बावा हैनरी को तगड़ा झटका दे सकता है। विधायक हैनरी की अकड़ आने वाले नगर निगम चुनावों में कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकती है। दरअसल मकसूदां फड़ी विवाद को आग देकर उन्होंने बैठे-बिठाए भाजपा को एक मुद्दा दे दिया है। असल में फड़ी विवाद 2014 में अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुआ था। मकसूदां सब्जी मंडी में 1000 के करीब फड़ी वाले 1994 से ही बैठे हुए हैं।
इनको यहां से हटाने के पीछे कहीं न कहीं अंदर की राजनीति हमेशा हावी रही है। यही कारण रहा कि जब अकाली-भाजपा ने फड़ी वालों को यहां से हटाने की बात कही थी तो मामला उग्र रूप धारण कर गया था। उन्होंने अदालत का रुख किया तो अकाली-भाजपा को बैकफुट पर आना पड़ा। अकाली-भाजपा के इसी रुख की वजह से फड़ी वालों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और खुलकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी नेता बावा हैनरी का साथ दिया जिसके बल पर वह भारी मतों से जीतने में कामयाब रहे मगर सत्ता में आते ही अब बावा हैनरी ने भी अकाली-भाजपा सरकार के लिए फैसले को लागू करवाने का प्रयास किया।
उनके इस फैसले से फड़ी वाले दोबारा नाराज हो गए और अधिकांश ने अब कांग्रेस का साथ छोडऩे का मन बना लिया है। अगर ऐसा होता है तो नगर निगम चुनावों में कांग्रेस को भारी नुक्सान उठाना पड़ सकता है। असल में विधायक हैनरी चाहते हैं कि फड़ी वालों को यहां से हटाकर मंडी के पीछे जगह दे दी जाए। दूसरी तरफ फड़ी वालों का कहना है कि वे मंडी के पीछे जाने को तैयार हैं मगर सरकार वहां शैड आदि डालकर पूरी सुविधा तो दे। कुल मिलाकर फड़ी विवाद दोबारा गर्माने से बावा हैनरी की राजनीति ठंडी पडऩे लगी है तो भारी मतों से हारने के बाद हाशिए पर जा चुके के.डी. भंडारी को अचानक एक मुद्दा मिल गया है जिसे भाजपा आने वाले निगम चुनावों में भुना सकती है।