Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 03:38 PM
लाख प्रयत्न करने के बावजूद भी बठिंडा की ट्रैफिक समस्या जस की तस बनी हुई है। छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों तक ने इसका तकनीकी हल ढूंढने की कोशिश भी की परन्तु विफल रहे। ट्रैफिक के मामले में सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण है। सड़क के किनारे खड़े ठेले व ऑटो...
बठिंडा (आजाद): लाख प्रयत्न करने के बावजूद भी बठिंडा की ट्रैफिक समस्या जस की तस बनी हुई है। छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों तक ने इसका तकनीकी हल ढूंढने की कोशिश भी की परन्तु विफल रहे। ट्रैफिक के मामले में सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण है। सड़क के किनारे खड़े ठेले व ऑटो वालों के कारण यातायात में बाधा पड़ रही है।
वाहनों की संख्या के अनुसार सड़कों को भी चौड़ा नहीं किया जा रहा जिस कारण छोटे वाहन एक-दूसरे से भिड़ जाते हैं। शहर में आज देखने को मिला कि चौकों पर लगी रैड लाइटें भी बंद थीं जबकि ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी ठंड से ठिठुरते हुए दीवारों के साथ सटे हुए खड़े थे। उन्हें ट्रैफिक समस्या से कुछ लेना-देना नहीं। फौजी चौक पर केवल एक हवलदार हाथ के इशारे से ट्रैफिक है, जबकि बाकी पुलिस कर्मी गप्पे हांकने में लगे रहे। एस.एस.पी. नवीन सिंगला ने बताया कि ट्रैफिक सुधार के लिए 25 अन्य पुलिस कर्मचारी भी दिए गए हैं।
इसके अलावा 20 महिला पुलिस कर्मियों को भी ट्रैफिक नियंत्रण के लिए लगाया गया है लेकिन वाहनों की संख्या इस कदर बढ़ चुकी है कि उन्हें कंट्रोल करने में परेशानी पेश आ रही है। उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि नियमों की उल्लंघना करने वाले किसी व्यक्ति से भी कोई रियायत न की जाए।