इन 10 खामियों के कारण टूटा रजबाहा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 May, 2017 02:19 PM

bathinda rajwaha breach break

बीबी वाला हैड से जय सिंह गांव को जाने वाला 25 गज चौड़ा रजबाहा अचानक टूटने के पीछे 10 खामियां सामने आईं हैं। 1982 में इस रजबाहे का निर्माण हुआ था।

भटिंडा (विजय): बीबी वाला हैड से जय सिंह गांव को जाने वाला 25 गज चौड़ा रजबाहा अचानक टूटने के पीछे 10 खामियां सामने आईं हैं। 1982 में इस रजबाहे का निर्माण हुआ था। पहले यह कच्चा था बाद में इसे पक्का कर दिया गया था लेकिन 2014 में इसके पुन: निर्माण हेतु सिंचाई विभाग ने सरकार को लगभग 25 करोड़ का एस्टीमेट बनाकर भेजा था लेकिन सरकार ने इसके मुरम्मत हेतु न पैसा दिया न मंजूरी दी, जिस कारण 28 किलोमीटर लंबा यह रजबाहा टूट गया। अगर सरकार इसकी मुरम्मत के लिए मंजूरी दे देती तो शायद रजबाहा न टूटता। रजबाहा टूटने से 17 गांवों की सिंचाई प्रभावित हुई।

रजबाहा टूटने के कारण
- रजबाहा पुराना होने के कारण व मुरम्मत में हुई कमी के चलते इसके टूटने का मुख्य कारण है।
-तेज बहाव के कारण भी इसके टूटने के आसार को नकारा नहीं जा सकता। 
-अधिक गर्मी के चलते चूहों का बसेरा भी इसका एक कारण उभरकर सामने आया। 
-रजबाहे के आस-पास लगे वृक्षों के तने रजबाहे में सेंधमारी करने से खोखला कर गए जिस कारण यह टूट गया। 
- रजबाहे के साथ बहता स्लज कैरियर भी इसका एक कारण माना जा रहा है क्योंकि पूरे शहर का गंदा सीवरेज पानी नगर निगम ने खुले नाले में डाल दिया जिससे भूमि नर्म हुई व रजबाहा टूटा। 
- रेत मिट्टी होने के कारण भी रजबाहे में दरार पडऩा संभव माना जा रहा है।
- खस्ताहालत को लेकर भी रजबाहे के टूटने का कारण माना जा रहा है जबकि आगे भी ऐसी घटनाएं होने से इंकार नहीं किया जा सकता। 
-सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण पहले भी नहरे टूट चुकी हैं। अब पक्के खाल टूटने शुरू हो चुके हैं जिसमें घटिया सामग्री भी एक कारण माना जा सकता है। 
-17 गांवों को पानी इस रजबाहे से जाता है जिनमें 145 क्यूसिक पानी छोड़ा जाता है जबकि पानी की अधिक मांग होने से पानी अधिक छोड़ा गया जिससे खोखले किनारों को तोड़ता हुआ पानी बाहर निकल गया। 
- रात के समय पानी की चोरी के कारण भी रजबाहे में दरार पड़ सकती है क्योंकि जैसे ही पानी चोरी के लिए टक लगता है तो तेजी से पानी किनारे तोड़ता हुआ निकल जाता है। यह हादसा भी रात को 2 बजे हुआ माना जा रहा है। ऐसा भी संभव माना जा सकता है। जबकि सिंचाई विभाग इसकी जांच में जुट गया। 

क्या कहते हैं डी.सी.
जिलाधीश दीप्रवा लाकरा ने बताया कि क्योंकि रजबाहा पुराना हो चुका था इसकी मुरम्मत के लिए एस्टीमेट भेजा हुआ है। उन्होंने बताया कि 28 किलोमीटर के रजबाहे में से आगे 3 सूए निकलते हैं जबकि बिजाई के मौसम व गर्मी के चलते पानी की मांग बढ़ जाती है और पानी अधिक छोड़ा जाता है। तेज बहाव के कारण भी इस रजबाहे में दरार पड़ सकती है। एक अन्य कारण उन्होंने बताया कि आस-पास वृक्ष लगे हुए हैं जिनकी जड़ें रजबाहे के नीचे से गुजरती है जिस कारण वहां की भूमि नर्म हो गई और रजबाहा तेज बहाव कारण टूट गया। 

क्या कहना है सिंचाई विभाग के एक्सियन का 
सिंचाई विभाग के एक्सियन उपकरण सिंह ने बताया कि रजबाहे का 1982 में निर्माण किया गया था लेकिन इसकी मुरम्मत जरूरी थी जिसके लिए 2014 में सरकार को लगभग 25 करोड़ का एस्टीमेट भेजा हुआ था मंजूरी व पैसे न मिलने से काम अधर में लटका हुआ है। शनिवार तक रेत की बोरियां लगाकर रजबाहे के किनारे को बंद कर इसमें पानी छोड़ दिया जाएगा। रजबाहा टूटने से तेजी से पानी निकला उसने सलज कैरीयर को भी तोड़ दिया जिससे इस पानी में सीवरेज का पानी मिक्स हो गया, जो घरों में घुस गया। पानी को निकालने के लिए मोटरों का प्रबंध कर दिया गया है जबकि सड़कों से पानी निकल चुका है लेकिन नीचले स्तर के घरों में पानी है जो 1-2 दिन में निकाला जाएगा। अगर सरकार व अधिकारी सतर्क होते तो इस घटना को रोका जा सकता था क्योंकि 28 किलोमीटर लंबे इस रजबाहे में अभी भी कई खामियां हैं। ऐसी घटनाएं दोहराई जा सकती हैं। 

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