तेल डिपों में पैट्रोल चोरी का मामला: गांव के 300-400 परिवार तेल चोरी पर ही निर्भर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 10:23 AM

bathinda oil depot

बठिंडा तेल डिपों में 3 बड़ी कंपनियों के भंडार हैं, जिनमें इंडियन ऑयल, भारत पैट्रोलियम व हिन्दुस्तान पैट्रोलियम शामिल हैं, जिनमें से गत 2 दशकों से लगातार तेल चोरी हो रहा है लेकिन बावजूद इसके प्रबंधकों ने कभी तेल चोरी की शिकायत दर्ज नहीं करवाई। तेल...

बठिंडा (विजय): बठिंडा तेल डिपों में 3 बड़ी कंपनियों के भंडार हैं, जिनमें इंडियन ऑयल, भारत पैट्रोलियम व हिन्दुस्तान पैट्रोलियम शामिल हैं, जिनमें से गत 2 दशकों से लगातार तेल चोरी हो रहा है लेकिन बावजूद इसके प्रबंधकों ने कभी तेल चोरी की शिकायत दर्ज नहीं करवाई। तेल चोरी करने आए गिरोह का 1 सदस्य वहां के सुरक्षा कर्मी की गोली का शिकार भी हुआ जबकि सुरक्षा गार्ड पर हत्या का मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया। इन कंपनियों के सभी प्रबंधक जानते हैं कि उनका तेल लगातार चोरी हो रहा है जबकि भंडार में कमी भी पाई जा रही है परन्तु उसे कागजों में ही दबा दिया जाता है। कोई भी अधिकारी तेल चोरी का मामला दर्ज करवाने की जहमत उठाने की कोशिश नहीं करता। 

यह सत्य है कि फूस मंडी व आस-पास गांवों के 300-400 परिवारों का गुजरा तेल चोरी पर ही निर्भर है, जहां तक कि नाबालिग बच्चे भी इस धंधे में शामिल हैं। परिवार के मुखिया को कमाई का जरिया अच्छा लग रहा है इसलिए उन्होंने बच्चों को पढ़ाई-लिखाई कराने तक की कोशिश नहीं की जबकि बालिग होते ही ये बच्चे चोरी के साथ नशे के आदी बन जाते हैं। 23 अक्तूबर की घटना के दौरान तेल चोरी करने आए गिरोह की सुरक्षा कर्मियों के साथ पैसे के मामले में झड़प हुई, तैश में आए सुरक्षा कर्मी ने अपनी लाइसैंसी बंदूक से गोली चलाकर बब्बू नामक युवक की हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रही क्योंकि गोली लगने के बाद घायल को निजी अस्पताल में दाखिल करवाया और देर रात तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया जबकि अगले दिन घायल की मृत्यु हो गई तब रेलवे पुलिस ने मामला दर्ज किया। 

भारत पैट्रोलियम के अधिकारियों ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है और उनके उच्चाधिकारी मीडिया से फोन पर बात करने से भी गुरेज कर रहे हैं। अधिकारियों ने पुलिस के पास तेल चोरी कर कोई मामला दर्ज नहीं करवाया जबकि मौके की तस्वीरें बोलती हैं कि भारी मात्रा में तेल चोरी हुआ, तेल चोर गिरोह के पास प्लास्टिक के बड़े-बड़े बैग थे और यहां तक कि तेल चोरी करने के औजार भी थे। एच.पी.सी.एल. व इंडियन ऑयल का तेल पाइप लाइन के जरिए पहुंचता है जिसमें चोरी की संभावना नामात्र है जबकि केवल भारत पैट्रोलियम का पैट्रोल ही रेल मार्ग द्वारा आता है। जैसे ही 64,000 लीटर के 45-50 रेल टैंक र वहां रुकते हैं, तेल चोरों को भनक लग जाती है और वह अपने औजारों से तेल चोरी कर फरार हो जाते हैं। तेल चोर गिरोह बदले में पुलिस व सुरक्षा कर्मियों को भी हिस्सा देता है और बेखौफ होकर वे तेल चोरी करते हैं। कुछ महीने पहले हिन्दुस्तान पैट्रोलियम से भी तेल चोरी की घटना सामने आई थीं जिसमें कंपनी के 2 बड़े अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं, जांच सी.बी.आई. कर रही है परन्तु मामला दर्ज नहीं हुआ। 

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