Edited By Updated: 15 May, 2017 09:55 AM
रामपुरा में हुआ दर्दनाक हादसा अभी भी सवारियों व दर्शकों के लिए दहशत बना हुआ है, जिसमें लापरवाही स्पष्ट झलक रही है, क्योंकि बस पहले से
भटिंडा(विजय/रजनीश): रामपुरा में हुआ दर्दनाक हादसा अभी भी सवारियों व दर्शकों के लिए दहशत बना हुआ है, जिसमें लापरवाही स्पष्ट झलक रही है, क्योंकि बस पहले से ही खराब थी लेकिन मालिक या चालक ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया, जिनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आग में झुलसे कुछ व्यक्तियों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। वहीं थाना सिटी रामपुरा के प्रभारी कमलजीत सिंह ने बताया कि एक पीड़ित राजन सिंह निवासी ढिल्वा के बयानों पर राईया ट्रांसपोर्ट कम्पनी बस के चालक चरनजीत सिंह निवासी ठुलीवाल और मालिक गुरमेल सिंह निवासी बरनाला के खिलाफ मामला नंबर-53 धारा 304ए, 279, 337, 338, 427 अधीन दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच गहराई से शुरू कर दी है। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। चालक का कहना है कि वह बेकसूर है लेकिन यह सब कुछ जांच ही निर्धारित करेगी।
बस में से पहले भी आती थी गैस लीकेज की गंध
सिविल अस्पताल रामपुरा फूल में उपचाराधीन राजन सिंह पुत्र ईशर सिंह निवासी ढिलवां (बरनाला) का कहना है कि वह अपने ही गांव के सुरजीत सिंह निवासी मग्घर सिंह के साथ भटिंडा से वापस लौट रहा था। वह अक्सर इस बस जरिए भटिंडा तक सफर करता है, इसलिए बस चालक चरनजीत सिंह निवासी ठुलीवाल (बरनाला) को अच्छी तरह जानता है। उसने पहले भी सफर दौरान सवारियों से सुना था कि बस में से गैस लीकेज की गंध रोजाना आती है, जिसकी शिकायत वह बस चालक को कर चुके थे लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। नतीजे के तौर पर यह दर्दनाक हादसा हुआ।
सवारियों में अभी भी है दहशत
पंजाब रोडवेज मुक्तसर डिपो के कंडक्टर चरनजीत सिंह ने बताया कि वह अपने साथी जगदीप सिंह के साथ भटिंडा से रामपुरा में आ रहे थे, वह हिम्मत कर खुद आग से बाहर निकले व अन्य को बचाने के लिए भी प्रयास किया परन्तु हादसा इतना दर्दनाक था कि रात भर सो नहीं सका। इसके अलावा अन्य कई जख्मियों से बातचीत हुई जो पूरी तरह दहशत में थे।
मैं फरार नहीं हुआ था : बस चालक
पुलिस हिरासत में बस चालक चरनजीत सिंह का कहना है कि उसका आगे कैबिन बना हुआ है, जिसमें बैठकर वह बस चला रहा था, जिस कारण सवारियों की चीखें उसको सुनाई नहीं दीं। उसने फाटकों पर पहुंचकर बस रोकी तो बाहर से शोर डालकर इशारे कर रहे लोगों से आग बारे पता चला। उसने तुरंत बस के पावर दरवाजे खोले ताकि सवारियां उतर सकें। वह फरार नहीं था, बल्कि खुद सवारियों को बस से बाहर निकाल रहा था।